दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू को काटछांट कर दिखाने पर बोले नरेंद्र मोदी, 'यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है'

दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू को दिखाने से पहले उसमें की गई काटछांट के बाद उठे विवाद पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज (शनिवार) कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है, यह इमरजेंसी की याद दिलाता है, इमरजेंसी के समय मीडिया को दबाया गया था।

ज़ी मीडिया ब्यूरो/रामानुज सिंह
नई दिल्ली: दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू को दिखाने से पहले उसमें की गई काटछांट के बाद उठे विवाद पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज (शनिवार) कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है, यह इमरजेंसी की याद दिलाता है, 1975 में इमरजेंसी के समय मीडिया को दबाया गया था।
नरेंद्र मोदी ने आज ट्विटर पर ट्वीट करके कहा कि मीडिया की आजादी पर रोक लोकतंत्र पर धब्बा है। उन्होंने कहा, प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखना जरूरी है। फ्री प्रेस लोकतंत्र का आधारस्तंभ है। नेशनल टीवी चैनल को स्वयत्ता के लिए जूझते देख दुखी हूं। मोदी की यह प्रतिक्रिया भाजपा नेता वेंकेया नायडु के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होने कहा था कि सरकार ने ही प्रसार भारती पर दबाव डालकर मोदी के इंटरव्यू के साथ काटछांट करने को कहा। गौरतलब है कि प्रसार भारती स्वायत शासी संस्था है जो दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का संचालन करती है।
आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर पत्रकारों को शुभकामना देते हुए मोदी ने ट्विटर पर लिखा, इस दिन मैं यह देख कर दुखी हूं कि हमारा राष्ट्रीय टीवी चैनल अपनी पेशेवर स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस अवसर पर मोदी लोगों को यह याद दिलाना नहीं भूले कि 1975 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाया गया था और तब मीडिया पर प्रतिबंध लगाये गए थे।
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, पत्रकार बंधुओं को विश्व प्रेस दिवस पर शुभकामनाएं। स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का मील का पत्थर है और इसे सही अथरे में बनाये रखा जाना चाहिए।
ऐसी खबरें आने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया था जिसके अनुसार, मोदी ने कहा था कि प्रियंका गांधी उनकी बेटी के समान है। इसे न तो प्रियंका और न ही कांग्रेस ने सराहा था। लेकिन बाद में यह बात सामने आई कि मोदी ने ऐसी बात नहीं कही थी। एक अन्य बयान पर विवाद उत्पन्न हुआ जिसमें मोदी ने सोनिया गांधी के करीबी सहयोगी अहमद पटेल से अपनी निकटता होने का जिक्र किया था। पटेल ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। इंटरव्यू में मोदी की इन बातों को काट दिया गया लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात सार्वजनिक हो गई। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि इस मुद्दे पर राई का पहाड़ बनाने की कोशिश की जा रही है जबकि कुछ विश्लेषकों का आरोप है कि जब भी मौका मिलता है तब कांग्रेस और भाजपा दूरदर्शन का दुरूपयोग करते हैं।
इस विषय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, मेरा ध्यान इन खबरों पर दिलाया गया जो प्रसार भारती के संबंध में मीडिया के एक वर्ग में आई है। मैंने पहले भी कहा है और फिर यह कहने की अनुमति चाहता हूं कि संसद के कानून के तहत प्रसार भारती की स्वायत्ता की गारंटी दी गई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, प्रसार भारती का संचालन बोर्ड करता है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इससे कुछ फासला बनाकर आगे चलती है। वास्तव में जहां तक स्वायत्ता का सवाल है, जब मैंने अक्टूबर 2012 में मंत्रालय का कार्यभार संभाला तब मेरे और तत्कालीन सचिव उदय कुमार वर्मा की पहल से सैम पित्रोदा समिति का गठन किया गया था।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने कल प्रसार भारती की स्वयत्तता के मुद्दे पर तिवारी पर निशाना साधा था। सरकार ने कहा था कि मंत्रालय ने एक युवा मंत्री को यह समझाने का मौका गंवा दिया जिससे मंत्रालय और समाचार प्रकोष्ठ के बीच लम्बे पारंपरिक संबंधों को तोड़ा जा सके और जो प्रसार भारती के शुरू होने से पहले से निर्वाध रूप से जारी है। भाजपा ने दूरदर्शन तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री पर निशाना साधते हुए उनपर बातचीत के तथ्यों को दबाने का आरोप लगाया।
इस विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रसार भारत अब ‘प्रचार भारती’ बन गया है। पिछले आठ वर्षों से उन्होंने नरेन्द्र मोदी को निषेध करके रखा। उन्होंने मांग की कि इस बारे में श्वेतपत्र जारी किया जाए कि चुनाव से 100 दिन पहले कांग्रेस नेताओं और मोदी को कितना कवरेज दिया गया। इससे प्रसार भारती के दुरूपयोग की बात सामने आ जाएगी। वहीं, कांग्रेस के अल्वी ने कहा कि यह बडा मुद्दा नहीं है। इंटरव्यू का प्रसारण, समय एवं मुद्दे मीडिया की स्वतंत्रता से जुड़ा विषय है।
नरेंद्र मोदी के दूरदर्शन के लिए दिए इंटरव्यू को लेकर खासा विवाद शुरू हो गया है। दूरदर्शन के जिस पत्रकार ने मोदी का इंटरव्यू किया था उसने ट्वीट किया है कि पूरा इंटरव्यू प्रसारित किया जाना चाहिए था। दूसरी ओर, प्रसार भारती के CEO जवाहर सरकार ने माना कि दूरदर्शन पर दिखाए नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू के कुछ अंश संपादित किए थे।
पत्रकार आलोक श्रीवास्तव ने हालांकि कहा है कि वह अंतिम निर्णय लेने वाले व्यक्ति नहीं हैं। 30 अप्रैल को ट्विटर पर डाले गए एक पोस्ट में श्रीवास्तव ने कहा है ‘मूल इंटरव्यू 56 मिनट का था लेकिन मुझे केवल आधे घंटे का ही समय मिला। इसलिए हमने 34 मिनट का प्रसारण किया।’ उन्होंने उसी दिन और ट्वीट डाले और कहा कि उन्हें लगता है कि पूरा इंटरव्यू प्रसारित किया जाना चाहिए था। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि इंटरव्यू का महत्वपूर्ण हिस्सा संपादित नहीं किया जाना चाहिए था।

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.