विकास पर हमें मोदी से ज्ञान की जरूरत नहीं: ममता
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विकास पर हमें मोदी से ज्ञान की जरूरत नहीं: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के उस आरोप को सोमवार को खारिज कर दिया कि उन्होंने (ममता ने) वाममोर्चा के 35 साल के कार्यकाल की अपेक्षा अपने 35 महीने के शासनकाल में राज्य को अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही ममता ने कहा कि विकास को लेकर उन्हें मोदी से ‘ज्ञान’ लेने की आवश्यकता नहीं है।

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के उस आरोप को सोमवार को खारिज कर दिया कि उन्होंने (ममता ने) वाममोर्चा के 35 साल के कार्यकाल की अपेक्षा अपने 35 महीने के शासनकाल में राज्य को अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही ममता ने कहा कि विकास को लेकर उन्हें मोदी से ‘ज्ञान’ लेने की आवश्यकता नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने ट्विटर पर लिखा है, ‘अगर वह सत्ता में आते हैं, भारत अंधकार में डूब जाएगा। हमें दंगों के आर्किटेक्ट से विकास पर ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।’’ भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर तीखे हमले बोलते हुए ममता ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा रहा है, अगर वह सत्ता में आते हैं तो भारत बर्बाद हो जाएगा।’’
मोदी द्वारा लगाए गए आरोप कि वह गैर.बांग्ला लोगों की अनदेखी और बांग्लादेशियों का स्वागत कर वोट बैंक की राजनीति में शामिल हैं, ममता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें (मोदी) इतिहास की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से प्रवासी 1971 के इंदिरा-मुजीब समझौते के तहत भारत आए। उन्होंने कहा, ‘‘श्री मोदी को इतिहास नहीं मालूम है। उन्हें नहीं मालूम कि बांग्ला बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं हो जाता।’’
ममता ने कहा, ‘‘भारत में अन्यत्र, जो भी बांग्ला बोलता है, उसे बांग्लादेशी कह दिया जाता है। यह भेदभाव है।’’ उन्होंने मोदी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘श्री मोदी बंगालियों और गैर बंगालियों को बांटना चाहते हैं। यह निंदनीय है।’’ ममता ने कहा, ‘‘श्री मोदी बंगालियों को भारत से भेजना चाहते हैं। वह तय करने वाले कौन होते हैं? वह विभाजनकारी राजनीति में शामिल हैं। वह दार्जिलिंग को विभाजित करना चाहते थे। अब वह राज्य में हिंदू और मुसलमानों को बांटना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बांग्ला विश्व की पांचवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। किसी भाषा के खिलाफ घृणा फैलाना अपराध है। बंगाल के लोग सौहार्द्र के साथ रहते हैं।’’ विकास के गुजरात मॉडल पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, ‘‘उनके शासनकाल में गुजरात के विकास में कमी आयी है।’’ इस क्रम में कई आंकड़े देते हुए ममता ने कहा कि बंगाल में राजस्व आय में 31 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई लेकिन गुजरात में यह सिर्फ 15 प्रतिशत रही। (एजेंसी)

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