बेंगलुरु : भारत ने बुधवार को अपने मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) को लाल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। मंगलयान के 300 दिन तक के सफर में हुई घटनाओं का घटनाक्रम इस प्रकार है-
5 नवंबर 2013 : इसरो के पीएसएलवी सी25 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन का प्रक्षेपण किया।
7 नवंबर : पहली पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
8 नवंबर: दूसरी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
9 नवंबर: तीसरी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
11 नवंबर: चौथी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
12 नवंबर: पांचवी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
16 नवंबर: छठी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
01 दिसंबर: एमओएम ने छोड़ी पृथ्वी की कक्षा, मंगल की ओर रवाना
(ट्रांस मार्स इंजेक्शन)।
4 दिसंबर: एमओएम 9.25 लाख किलोमीटर के दायरे वाले पृथ्वी के गुरूत्वाकषर्ण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला।
11 दिसंबर: अंतरिक्षयान पर पहली दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न।
11 जून 2014: दूसरी दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न।
22 सितंबर 2014: एमओएम ने किया मंगल के गुरूत्वीय क्षेत्र में प्रवेश, 300 दिन तक सुप्तावस्था में पड़े रहने के बाद 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर का प्रायोगिक परीक्षण, अंतिम पथ संशोधन कार्य संपन्न।
24 सितंबर 2014: एमओएम मंगल की लक्षित कक्षा में पहुंचा, भारत पहले ही प्रयास में लाल ग्रह पर मिशन भेजने में सफलता हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।