ओलंपिक में सफलता के लिए अपूर्वी को और प्रायोजकों की जरूरत

ग्लासगो ओलंपिक खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अपूर्वी चंदेला का सपना ओलंपिक में पदक हासिल करना है लेकिन इस युवा निशानेबाज ने कहा कि अधिक प्रायोजक मिलने और प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की मदद से ही वह अपना लक्ष्य हासिल कर सकती है।

ओलंपिक में सफलता के लिए अपूर्वी को और प्रायोजकों की जरूरत

जयपुर : ग्लासगो ओलंपिक खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अपूर्वी चंदेला का सपना ओलंपिक में पदक हासिल करना है लेकिन इस युवा निशानेबाज ने कहा कि अधिक प्रायोजक मिलने और प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की मदद से ही वह अपना लक्ष्य हासिल कर सकती है।

अपूर्वी ने कहा, ‘मेरे पिता (कुलदीप सिंह चंदेला) मेरे अधिकतर खर्चों का वहन करते हैं और उन्होंने कुछ लाख रूपये खर्च करके हमारे घर में मेरे लिये निशानेबाजी रेंज भी तैयार किया है। ओजीक्यू का सहयोग भी मेरे करियर के सही समय पर मुझे मिला। लेकिन अब भी मुझे कुछ प्रायोजकों की जरूरत है। मुझे अभ्यास के लिये आधुनिक राइफल्स और नवीनतम इलेक्ट्रानिक गैजेट्स की जरूरत है। शीर्ष पर पहुंचने के लिये मुझे विशेषज्ञ कोचों के साथ अभ्यास करना होगा।’

अपूर्वी ने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल्स में हमवतन और विश्व में आठवें नंबर की अयोनिका पाल को हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह 21 वर्षीय अपूर्वी का पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है। ओजीक्यू के अनुबंध और राजस्थान सरकार से 15 लाख रूपये के नकद इनाम के बावजूद अपूर्वी को लगता है कि उन्हें रियो ओलंपिक 2016 में स्वर्ण पदक जीतने के लिये अधिक सहयोग की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन शीर्ष स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिये मुझे छोटी कमजोरियों को दूर करने के लिये निजी कोच की जरूरत है। केवल कोचों द्वारा बताये गये कार्यक्रम के अनुसार चलने से शीर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है।’ जयपुर की अपूर्वी कुछ देर में खेलों से जुड़ी। 10 मीटर राइफल उनकी पसंदीदा स्पर्धा है और सीनियर स्तर पर अपने पहले वर्ष 2012 में उन्होंने चीन के नानचांग में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। उन्होंने कहा, ‘मुझे आधुनिक राइफल चाहिए जो अधिक परिष्कृत होंगी। इसके अलावा मुझे दशमलव तक गणना करने वाले इलेक्ट्रानिक्स टारगेट्स की जरूरत है।’

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