2010 CWG में गोल्ड मेडल विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार अर्जुन पुरस्कार से आउट
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2010 CWG में गोल्ड मेडल विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार अर्जुन पुरस्कार से आउट

खेल मंत्रालय ने सभी अटकलों को विराम देते हुए आज अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के लिए मूल सूची बरकरार रखी है जिससे मुक्केबाज मनोज कुमार की इस खेल सम्मान को पाने की उम्मीद भी टूट गई।

2010 CWG में गोल्ड मेडल विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार अर्जुन पुरस्कार से आउट

नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने सभी अटकलों को विराम देते हुए आज अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के लिए मूल सूची बरकरार रखी है जिससे मुक्केबाज मनोज कुमार की इस खेल सम्मान को पाने की उम्मीद भी टूट गई।

प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए मुक्केबाज जय भगवान के नाम की विवादास्पद अनुशंसा को कपिल देव की अगुवाई वाली चयन समिति ने अंतिम रूप दिया था, जिसने कल दोबारा बैठक की थी और मूल 15 खिलाड़ियों की सूची में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया था।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक जिजि थामसन भी इस समिति का हिस्सा थे, उन्होंने कहा था कि पैनल ने समीक्षा बैठक में सात एथलीटों पर चर्चा की लेकिन सर्वसम्मति से सहमति जताई कि इसमें किसी बदलाव की जरूरत नहीं है।

खेल मंत्रालय ने इसके बाद पैनल द्वारा अनुशंसित सभी एथलीटों के नाम को मंजूरी दे दी, जिसके लिए सम्मान कार्यक्रम 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में किया जाएगा।

विवाद तब शुरू हुआ जब चयन समिति ने 12 अगस्त को हुई बैठक में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी मुक्केबाज मनोज की जगह जय भगवान को चुना। इसके कारण समिति को दोबारा बैठक करनी पड़ी और उसने अपने फैसले पर दोबारा विचार किया।

भगवान के अलावा 20 वर्षीय स्क्वाश खिलाड़ी अनाका अलनकामोनी के नाम के सूची में शामिल होने पर भी भंवे तन गयी जबकि हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा ने तो पैनल की आलोचना भी की कि उसने उनके द्वारा सिफारिश किए गए सात खिलाड़ियों की अनदेखी की।

थामसन ने कहा कि पहले तो मनोज के नाम के आवदेन पर गलत पहचान के कारण विचार नहीं किया गया और समिति ने समीक्षा बैठक में उनके नाम पर चर्चा की। हालांकि समिति को लगा कि भगवान भी इसका हकदार था इसलिये वे अपने फैसले पर अडिग रहे। मनोज ने 32 अंक से इस सम्मान के लिए आवेदन किया था जो मुक्केबाजों में सबसे ज्यादा थे और दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदकधारी भगवान से दो अंक ज्यादा थे।

समिति ने खेल मंत्रालय को सिफारिश भी की कि 15 से ज्यादा खिलाड़ियों को प्रत्येक वर्ष अर्जुन पुरस्कार से नहीं नवाजा जाना चाहिए। इस पर भी चर्चा की गई कि अंक ही एथलीटों के चयन का एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता। मौजूदा अंक प्रणाली के अंतर्गत पिछले चार साल के प्रदर्शन को देखा जाता है और इसी के अनुसार विचार किया जाता है। इस बीच किसी भी खिलाड़ी को 2014 राजीव गांधी खेल रत्न के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया।

अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वालों को प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और प्रत्येक को पांच-पांच लाख रुपए की नकद राशि दी जाती है। राष्ट्रीय खेल पुरूषोत्तम पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को ट्रॉफियां दी जाती हैं।

पुरस्कार सूची इस प्रकार है :-
अर्जुन पुरस्कार : अखिलेश वर्मा (तीरंदाजी), टिंटु लुका (एथलेटिक्स), एच एन गिरिशा (परालंपिक), वी डीजू (बैडमिंटन), गीतू एन जोस (बास्केटबाल), जय भगवान (मुक्केबाजी), रविचंद्रन अश्विन (क्रिकेट), अर्निबान लाहिड़ी (गोल्फ), ममता पुजारी (कबड्डी), साजी थामस (नौकायान), हीना सिद्धू (निशानेबाजी), अनाका अलानकामोनी (स्क्वाश), टाम जोसफ (वालीबाल), रेनूबाला चानू (भारोत्तोलन) और सुनील राणा (कुश्ती)।

द्रोणाचार्य पुरस्कार : महावीर प्रसाद (कुश्ती), एन लिंगप्पा (एथलेटिक्स-लाइफटाइम), जी मनोहरन (मुक्केबाजी-लाइफटाइम), गुरचरण सिंह गोगी (जूडो-लाइफटाइम), जोस जैकब (नौकायान-लाइफटाइम)।

ध्यानचंद पुरस्कार : गुरमेल सिंह (हॉकी), केपी ठक्कर (तैराकी-गोताखोरी), जीशान अली (टेनिस)।

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