लंदन : आईसीसी द्वारा नियुक्त किये गये न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस ने कहा कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को इसलिए दोषी नहीं समझा गया क्योंकि उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए सबूत काफी नहीं थे।
गोर्डन ने एंडरसन के खिलाफ आरोपों की सुनवाई की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पाया कि गवाह खुद अपनी टीम के पक्ष में बहुत पक्षपातपूर्ण थे और एकमात्र तटस्थ गवाह (ट्रेंट ब्रिज का देखरेखकर्ता) ने कहा कि उसने ज्यादा कुछ नहीं देखा था।
इसके अलावा अपमानजनक छींटाकशी साबित करने के लिए कोई आडियो सबूत भी नहीं था और न ही मैदान एवं ड्रेसिंग रूम के बीच गलियारे में धक्का देने की घटना का वीडियो फुटेज मौजूद था। गोर्डन ने कहा कि सबूत की कमी के कारण उन्हें फैसले पर पहुंचने के लिये अपनी समझ पर निर्भर रहना पड़ा।
उन्होंने कहा, जैसे मैंने सबूत देखे और संबंधित पक्षों के प्रतिनिधियों के अंतिम बयान देखे, फिर मैंने अपनी समझ से काम किया। मैं गवाह के किसी भी तर्क से आसानी से संतुष्ट नहीं हो सका। भारत का तर्क था कि एंडरसन ने बिना उकसाये ही जडेजा को धक्का दिया। जडेजा ने कथित रूप से आरोप लगाया कि एंडरसन ने गलियारे में उन्हें अभद्र गाली देना जारी रखा जिसके कारण उन्होंने भी उसे धक्का दे दिया। जडेजा ने आक्रामकता की बात से इनकार किया।
एंडरसन के अनुसार जडेजा आक्रामक था और बिना किसी उकसावे के आक्रामक होकर उसके सामने आ गया। एंडरसन ने कहा कि वह जडेजा के इस बर्ताव से हैरान रह गया था।