सचिन ने दिल से महसूस किया होगा, संन्यास का समय आ गया है : द्रविड़

पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ जानते थे कि सचिन तेंदुलकर का अपने लंबे और चमकदार करियर को अलविदा कहने का समय काफी करीब है लेकिन उन्हें इसका कोई अंदाजा नहीं था कि यह अनुभवी खिलाड़ी अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में संन्यास लेने का फैसला करेगा।

नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ जानते थे कि सचिन तेंदुलकर का अपने लंबे और चमकदार करियर को अलविदा कहने का समय काफी करीब है लेकिन उन्हें इसका कोई अंदाजा नहीं था कि यह अनुभवी खिलाड़ी अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में संन्यास लेने का फैसला करेगा।
द्रविड़ ने कहा, ‘आप जानते थे कि ऐसा होगा ही। ऐसे संकेत थे कि वह संन्यास लेंगे लेकिन वह वेस्टइंडीज दौरे पर ही करियर को अलविदा कहेंगे, मुझे इसका इल्म नहीं था।’ तेंदुलकर ने गुरुवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, वह वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी श्रृंखला में अपने 200वें टेस्ट मैच के बाद 24 साल के मैराथन करियर का अंत करेंगे।
द्रविड़ ने कहा कि तेंदुलकर ने संन्यास का सही समय चुना है क्योंकि उनका अंतिम टेस्ट 200वां टेस्ट होगा।
उन्होंने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘उनका शानदार करियर रहा है। उनके और पूरे भारत के लिये ये दो मैच यह बताने के लिये शानदार मौका होंगे कि उन्होंने क्या कुछ किया है। मुझे लगता है कि उनके जाने का यह सही समय है क्योंकि वह अपना 200वां टेस्ट मैच खेलेंगे। उनके लिये अपना 200वां टेस्ट मैच खेलना शानदार मौका है, शायद मुंबई में अपने घरेलू दर्शकों के सामने। यह उनके लिये अद्भुत होगा।’
द्रविड़ ने कहा, ‘आप महसूस करते हो कि यह समय आपके लिये सही नहीं है। कभी कभार आप अपने अहसास की पुष्टि करने में थोड़ा ज्यादा समय लगाते हो। सुनिश्चित करते हो कि आपने भावनात्मक फैसला नहीं किया है। जब आप जान जाते हो तो यह आपके लिये आसान हो जाता है। आप जान जाते हो कि आपके अंदर वही उर्जा मौजूद नहीं है। ऐसा खिलाड़ी जो उनके जैसे जुनून से खेला हो, जिसके अंदर उनके जैसी उर्जा हो, उसको अंदर से पता चल जायेगा कि वह आगे नहीं खेल सकता।’
चालीस वर्षीय द्रविड़ को लगता है कि भारतीय टीम के युवा क्रिकेटरों के लिये ड्रेसिंग में तेंदुलकर की अनुपस्थिति में कुछ प्रेरणास्रोत कम हो जायेगा। उन्होंने कहा, ‘युवा क्रिकेटर प्रेरणास्रोत खो देंगे। वे तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका गंवा देंगे। मैं उनसे सात साल जूनियर था और सचिन के साथ ड्रेसिंग रूम में जाना तथा अपना किट बैग उनके बराबर में रखना मायने रखता है। यह एक प्रेरणा की तरह होता है। अगली पीढ़ी को उनकी कमी खलेगी। यह बहुत बड़ा झटका है।’
द्रविड़ ने कहा कि ‘सुपरस्टार’ के टैग के बावजूद तेंदुलकर हमेशा सभी के लिये उपलब्ध रहते थे। उन्होंने कहा, ‘सचिन से हमेशा बात कर सकते थे। वह आपको बहुत सहज बनाता था। अगर वह सुपरस्टार की तरह होता तो कोई भी उन्हें भारतीय ड्रेसिंग रूम में नहीं रोक पाता। वह सुपरस्टार हैं, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन वह खुद को जिस तरह से पेश करते हैं, भारतीय क्रिकेट उनसे काफी कुछ हासिल कर सकता था। उन्होंने पिछले डेढ़ दशक में भारतीय क्रिकेट को सफलता दिलाने में मदद की है।’ (एजेंसी)

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