सरकार पर कोई संकट नहीं, सभी विधायक हमारे साथ हैं: रावत

भाजपा में शामिल हुए पौड़ी गढ़वाल के सांसद सतपाल महाराज के करीबी विधायकों के पार्टी छोड़ सकने और इसके कारण हरीश रावत सरकार के अल्पमत में आ जाने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सभी विधायक उनके साथ हैं।

देहरादून : भाजपा में शामिल हुए पौड़ी गढ़वाल के सांसद सतपाल महाराज के करीबी विधायकों के पार्टी छोड़ सकने और इसके कारण हरीश रावत सरकार के अल्पमत में आ जाने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सभी विधायक उनके साथ हैं।
पौड़ी गढ़वाल के सांसद के इस्तीफे से उनकी सरकार पर संकट के बादल छाने के विषय में पूछने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संवाददाताओं से कहा, कोई संकट नहीं है। पूरा विधायक दल और विधायक जो शुरू से हमारे साथ थे अभी भी हमारे साथ ही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य और उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना सहित शीर्ष नेताओं ने भी सरकार के अल्पमत में आने की आशंकाओं को खारिज किया है।
यशपाल आर्य ने कहा, सरकार बिल्कुल स्थिर है। उसपर कोई संकट नहीं है। हमारे सभी विधायक मुख्यमंत्री और कांग्रेस के साथ हैं। आर्य के सुर में सुर मिलाते हुए सूर्यकांत धस्माना ने पीटीआई से कहा, हमारे सभी विधायक साथ हैं। मैंने पौड़ी लोकसभा सीट के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी विधायकों से बातचीत की है। उन सब ने आश्वस्त किया है कि वे कांग्रेस के साथ हैं । उनके किसी अन्य पार्टी में जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने मीडिया की उन खबरों को खारिज कर दिया कि सतपाल महाराज के इस्तीफे के आलोक में हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ सकती है। उन्होंने कहा, मौजूदा राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है और उसे पूर्ण बहुमत प्राप्त है।
यह पूछे जाने पर कि महाराज के भाजपा में शामिल होने से पार्टी की चुनावी संभावनाएं प्रभावित होंगी तो सूर्यकांत धस्माना ने स्वीकार किया कि यह अस्थायी झटका है लेकिन चुनावी संभावनाओं पर इसका कोई असर नहीं होगा। भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस्तीफे की मांग पर धस्माना ने कहा कि यह पूरी तरह से अनावश्यक है क्योंकि मुख्यमंत्री को सदस्यों का बहुमत और भरोसा प्राप्त है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश पंत ने कल रावत से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि उनकी सरकार अल्पमत में आ गयी है और महाराज के करीबियों का भाजपा में आना पक्का है। 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 33 विधायक हैं और उसे सात सदस्यीय पीडीएफ का समर्थन प्राप्त है। इसमें बसपा के तीन, तीन निर्दलीय और एक यूकेडी के सदस्य हैं। विपक्षी भाजपा के 30 विधायक हैं।
सतपाल महाराज की आलोचना करते हुए धस्माना ने कहा कि उन्होंने जो किया है वह अवसरवादी राजनीति का घटिया उदाहरण है। उन्होंने कहा कि महाराज ने पार्टी को धोखा दिया है जिसने उन्हें लोकसभा का सात बार टिकट दिया और उनकी पत्नी अमृता रावत को विधानसभा का तीन बार टिकट दिया। उन्हें इस तरीके से पार्टी को धोखा नहीं देना चाहिए था। (एजेंसी)

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