कैबिनेट का फैसला : उत्तराखंड में हर साल संशोधित होगा सर्किल रेट

उत्तराखंड कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश में जमीनों के सर्किल रेट हर साल बढ़ाये जाने को मंजूरी दे दी है। पहले ये रेट तीन साल में एक बार बढ़ाये जाते थे।

देहरादून : उत्तराखंड कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश में जमीनों के सर्किल रेट हर साल बढ़ाये जाने को मंजूरी दे दी है। पहले ये रेट तीन साल में एक बार बढ़ाये जाते थे।

मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में कल देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के उन शहरों में भी जमीनों के सर्किल रेट तय किये जायेंगे जहां अब तक यह व्यवस्था नहीं है।

जमीनों के सर्किल रेट संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा तय किये जायेंगे और नये सर्किल रेट आगामी एक सितंबर से लागू हो जाएंगे। राजस्व बढ़ाने के उपाय खोज रही राज्य सरकार के इस निर्णय को इसी दिशा में उठाया गया एक कदम माना जा रहा है।

इसके अलावा, कैबिनेट ने पहाड़ी क्षेत्रों में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये अलग से एक नीति को भी मंजूरी दे दी। इस नीति के तहत, पहाड़ी क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने वाले निवेशकों को सरकार की तरफ से विभिन्न प्रोत्साहन और रियायतें दी जायेंगी।

इस नीति के अन्तर्गत निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये अब तक जरूरी 7.5 एकड़ भूमि के मानक को घटाकर पांच एकड़ कर दिया गया है। इसके अलावा, निजी विश्वविद्यालयों द्वारा सरकार को दिये जाने वाले प्रक्रिया शुल्क को भी 10 लाख से घटाकर दो लाख रूपये कर दिया गया है। निजी विश्वविद्यालयों के लिये सड़क, बिजली और पानी की सुविधा सरकार पहुंचाएगी।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में भी निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को काफी प्रोत्साहन दिया गया था और अब तक राज्य में कुल 10 निजी विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं। एक अन्य फैसले में, कैबिनेट ने बाहरी लोगों द्वारा उत्तराखंड में खनन सामग्री के भंडारण पर रोक लगा दी है। अब कोई ऐसा व्यक्ति प्रदेश में खनिज पदार्थों का भंडारण नहीं कर पायेगा जिसका क्रशर उत्तराखंड में न हो।

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.