इस्लाम में लव जिहाद जैसी कोई अवधारणा नहीं : सुन्नी मौलवी

सुन्नी मौलवियों और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने  कहा कि इस्लाम में ‘लव जिहाद’ जैसी कोई अवधारणा नहीं है और ये शब्द गलत तरीके से गढा गया है।

अलीगढ: सुन्नी मौलवियों और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने  कहा कि इस्लाम में ‘लव जिहाद’ जैसी कोई अवधारणा नहीं है और ये शब्द गलत तरीके से गढा गया है।

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष मुफ्ती जाहिद अली खान और एसोसिएट प्रोफेसर एम सलीम ने यहां एक बयान में कहा, ‘किसी भी तरह का झूठा वायदा कर निर्दोष लडकियों को फुसलाना इस्लाम में ना सिर्फ नितांत वर्जित है बल्कि इसे घृणित कृत्य माना गया है। कोई भी यदि ऐसा करता है और इसके लिए किसी भी तरह की सफाई या तर्क देता है, तो वह इस्लाम के साथ घोर अन्याय कर रहा है और हम कडे से कडे शब्दों में इसकी निन्दा करते हैं। इस्लाम में लव जिहाद जैसी कोई अवधारणा नहीं है और ये शब्द गलत तरीके से गढा गया है।’ दोनों शिक्षकों ने कहा कि जिस ढंग से कुछ समूह इस अस्तित्वहीन मुद्दे को उठा रहे हैं, वे महज समाज का ध्रुवीकरण कर रहे हैं और अल्पकालिक फायदा हासिल कर रहे हैं, जो अच्छी बात नहीं है।

बयान में कहा गया कि कुछ कटटरपंथी हिन्दू संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा मौजूदा समय में चलाया जा रहा लव जिहाद अभियान अत्यंत खतरनाक है और यह देश की शांति एवं संप्रभुता के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। इसकी निन्दा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकारों और केन्द्र ने इस मुद्दे पर आवश्यक कदम नहीं उठाये। इस तरह के अभियान से देश का सामाजिक ताना बाना ध्वस्त हो जाएगा और आर्थिक विकास कार्यक्रम पटरी से उतर जाएंगे।

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