केजरीवाल को इस्तीफा देना ही था : दीक्षित
Advertisement

केजरीवाल को इस्तीफा देना ही था : दीक्षित

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शनिवार को कहा कि विधानसभा में बहुमत गंवाने के बाद अरविंद केजरीवाल के पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था और काम करने के बजाए ‘काम की बात’ करने में यकीन रखने वाले आम आदमी पार्टी के नेता के लिए यह विकल्प का विषय नहीं था।

fallback

नई दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शनिवार को कहा कि विधानसभा में बहुमत गंवाने के बाद अरविंद केजरीवाल के पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था और काम करने के बजाए ‘काम की बात’ करने में यकीन रखने वाले आम आदमी पार्टी के नेता के लिए यह विकल्प का विषय नहीं था।
67 वर्षीय कांग्रेस नेता ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘उनकी सरकार ने सदन में बहुमत खोया, यह (विकल्प का) विषय नहीं था, इसलिए उन्होंने छोड़ दिया।’ उन्होंने केजरीवाल पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप नेता को इसलिए छोड़ना पड़ा क्योंकि उनका कहना था कि वह कानून के आधार पर शासन नहीं चलाएंगे।
कांग्रेस और भाजपा के कड़े विरोध के कारण कल विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पारित कराने में असफल रहे केजरीवाल ने इस्तीफा दिया। शीला दीक्षित इसी पर प्रतिक्रिया दे रही थीं।
शीला ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का समर्थन बिल्कुल ‘स्पष्ट’ था। तीन बार मुख्यमंत्री रहीं कांग्रेस नेता ने कहा, ‘शहर या जनता के लिए जो भी बेहतर होगा हम उसका समर्थन करेंगे, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कल आप कहें कि हम उपराज्यपाल की नहीं सुनेंगे और फिर भी हम आपका साथ दें।’
केजरीवाल के आलोचकों के बीच उनके सिर्फ बातें करने और काम नहीं करने की चर्चा होने के बारे में पूछने पर शीला ने कहा, ‘वह सिर्फ बातों में यकीन करते हैं।’ उन्होंने केजरीवाल के उस दावे को भी खारिज किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 13 धन विधेयकों को गृहमंत्रालय की मंजूरी के बिना पारित किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने प्रक्रिया के विरूद्ध कुछ नहीं किया है।’ (एजेंसी)

Trending news