लखनऊ मर्डर केस : 'पीड़िता का हुआ बलात्कार, एक से अधिक लोग थे शामिल'
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लखनऊ मर्डर केस : 'पीड़िता का हुआ बलात्कार, एक से अधिक लोग थे शामिल'

लखनऊ मर्डर केस  : 'पीड़िता का हुआ बलात्कार, एक से अधिक लोग थे शामिल'

ज़ी मीडिया ब्यूरो

लखनऊ : लखनऊ के मोहनलालगंज में एक महिला की हत्या मामले में नया खुलासा हुआ है। रविवार को आईं रिपोर्टों के मुताबिक 32 साल की महिला के साथ बलात्कार हुआ था और इस घटना में एक से ज्यादा लोगों के शामिल होने की आशंका है।  

सूत्रों ने बताया कि महिला के साथ बलात्कार में एक से ज्यादा व्यक्तियों के शामिल होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। महिला के साथ बलात्कार होने के दावे पुलिस की थ्योरी से अलग हैं। पुलिस ने कहा था कि महिला के साथ बलात्कार नहीं हुआ था बल्कि बलात्कार करने में नाकाम होने पर आरोपी ने महिला की हत्या कर दी। पुलिस ने यह भी कहा था कि महिला की हत्या में एक ही व्यक्ति शामिल था।

पुलिस ने कहा था कि आरोपी ने महिला के साथ बलात्कार करने की कोशिश की और जब वह इसमें कामयाब नहीं हो सका तो उसने महिला पर जानलेवा हमला किया। आरोपी ने महिला के गुप्तागों पर वार किए। इस हमले में महिला का काफी मात्रा में रक्तस्राव हुआ जिससे उसकी मौत हो गई।

मामले में पुलिस ने आरोपी राम सेवक यादव को गिरफ्तार किया। राम सेवक एसजीपीजीआई में सुरक्षा गार्ड है। जबकि जांच में लापरवाही बरतने पर राज्य सरकार ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

महिला की हत्या के मामले में फोरेंसिक जांच की दो रिपोर्ट पुलिस को मिल गई हैं, जबकि पांच रिपोर्ट अभी मिलनी बाकी हैं। सारी रिपोर्ट मिलने पर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया, ‘मोहनलालगंज हत्याकाण्ड मामले में फोरेंसिक जांच की सात रिपोर्ट मिलनी हैं। अभी तक केवल दो रिपोर्ट मिली हैं, जिनके आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।’ मीडिया के एक तबके में फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के हवाले से अब तक हुई पुलिस जांच को गलत बताए जाने के बारे में पूछने पर कुमार ने कहा, ‘अभी तक जो दो रिपोर्ट मिली हैं, उनसे कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। मगर मैं इतना जरूर कहूंगा कि यह रिपोर्ट किसी भी तरह से पुलिस जांच के उलट नहीं हैं।’

उन्होंने कहा, ‘सारी रिपोर्ट मिलने पर ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएंगे। जो भी बात सामने आयेगी मीडिया के साथ साझा की जायेगी, मगर इस स्तर पर कयासबाजी उचित नहीं है।’ मोहनलालगंज थाने के बलसिंह खेड़ा गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में 17 जुलाई को 36 वर्षीय एक महिला को नग्नावस्था में मृत पाया गया था और मामला सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या का लगा था। मामला संवेदनशील होने के कारण इस सिलसिले में जांच की निगरानी का जिम्मा अपर पुलिस महानिदेशक सुतापा सान्याल को सौंप दिया गया था। सान्याल ने 20 जुलाई को इस मामले का खुलासा कर दिए जाने का दावा करते हुए बताया था कि महिला की मृत्यु अत्यधिक रक्तस्राव से हुई है। यह भी कि महिला की हत्या एक निजी सुरक्षा कम्पनी के गार्ड रामसेवक ने अकेले की थी मगर वह उसके साथ शारीरिक संबंध बना पाने में कामयाब नहीं हुआ था।

सान्याल ने बताया था कि अभियुक्त के शरीर पर नाखून से हुए खरोंच के निशान मिले थे, जो संभवत: पीड़िता से संघर्ष के दौरान आये होंगे। रामसेवक को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (201) और 376 ए (बलात्कार की कोशिश) के तहत मुकदमा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

मीडिया के एक तबके ने फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के हवाले से बहरहाल पुलिस की कहानी को गलत बताया है और कहा है कि महिला की बलात्कार बाद हत्या की गयी है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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