यूपी में लाखों कर्मचारी चुनेंगे ‘नोटा’ का विकल्प
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यूपी में लाखों कर्मचारी चुनेंगे ‘नोटा’ का विकल्प

वेतन विसंगति तथा पेंशन बहाली के मुद्दे पर केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद तथा कई अन्य संगठनों से जुड़े लाखों कर्मचारी आगामी लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के ‘इनमें से कोई नहीं’ खाने का बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

लखनऊ : वेतन विसंगति तथा पेंशन बहाली के मुद्दे पर केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद तथा कई अन्य संगठनों से जुड़े लाखों कर्मचारी आगामी लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के ‘इनमें से कोई नहीं’ खाने का बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि संगठन की उच्चाधिकार समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य कर्मचारी ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प चुनकर कर्मचारी हित विरोधी दलों को सबक सिखाएंगे। इस विरोध प्रदर्शन में कर्मचारियों के परिजनों से भी सहयोग करने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि परिषद के इस फैसले के जरिये प्रदेश के लगभग 16 लाख कर्मचारी तथा उनके करीब 34 लाख परिजन विरोध दर्ज कराएंगे। इससे प्रदेश की करीब 70 फीसद सीटों का चुनाव परिणाम प्रभावित होगा। परिषद ने इस सिलसिले में अपनी सभी जिला इकाइयों को परिपत्र जारी करके निर्देश दिये हैं। संगठन कुछ अन्य कर्मचारी संगठनों से भी इस अभियान में शामिल होने के लिये बातचीत कर रहा है। तिवारी ने कहा कि ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प के प्रयोग का असर दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों पर पड़ा था। उस चुनाव में एक बड़े नेता अपनी पार्टी की लहर के बावजूद सिर्फ इसलिये 326 वोट से हार गये क्योंकि ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प के 528 मत पड़े थे।
तिवारी ने बताया कि परिषद ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पिछले साल अभियान चलाया था। करीब 40 सांसदों ने भी पत्र लिखकर पेंशन बहाली की मांग का समर्थन किया था। गत 13 जुलाई को दिल्ली में प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन केन्द्र के कान पर जूं नहीं रेंगी। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियां दूर करने की मांगों को लेकर राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने भी ध्यान नहीं दिया। कर्मचारी आगामी लोकसभा चुनावों में संवेदनशून्य पार्टियों को सबक सिखाएंगे। (एजेंसी)

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