मुल्लापेरियार बांध की ऊंचाई वाला अधिनियम अमान्य
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मुल्लापेरियार बांध की ऊंचाई वाला अधिनियम अमान्य

सर्वोच्च न्यायालय ने मुल्लापेरिया बांध की ऊंचाई 136 फुट सीमित करने वाले अधिनियम को बुधवार को अमान्य घोषित कर दिया।

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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने मुल्लापेरिया बांध की ऊंचाई 136 फुट सीमित करने वाले अधिनियम को बुधवार को अमान्य घोषित कर दिया। न्यायालय के इस फैसले को केरल सरकार के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने केरल सिंचाई जल संरक्षण अधिनियम को अमान्य घोषित करते हुए कहा कि जल स्तर 142 फुट तक बढ़ाया जा सकता है।
न्यायालय ने कहा कि 120 साल पुराने बांध को कोई खतरा नहीं है। इसके साथ ही न्यायालय ने तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया, जिसकी देखरेख में जल स्तर 136 से 142 फुट किया जाएगा। राज्य सरकार की आशंका को दूर करते हुए न्यायालय ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति के सदस्यों में केंद्रीय जल आयोग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ केरल और तमिलनाडु के प्रतिनिधि भी होंगे, जो नियमित निरीक्षण करेंगे। केंद्रीय जल आयोग के प्रतिनिधि इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से बांध को गिराकर नया बांध बनाने के केरल के प्रयासों को झटका लगा है। केरल इसे असुरक्षित बताकर इसके स्थान पर नया बांध बनाने की वकालत करता आ रहा है। (एजेंसी)

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