मुजफ्फरनगर दंगे अपराधियों के काम : आजम
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मुजफ्फरनगर दंगे अपराधियों के काम : आजम

मुजफ्फरनगर दंगे और राज्य में हिंसा की अन्य घटनाएं ‘सांप्रदायिक नहीं थीं’ बल्कि अपराधियों का काम था। यह बात उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान ने कही है । उत्तरप्रदेश के शहरी विकास मंत्री ने कल शाम एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुजफ्फरनगर के दंगे सांप्रदायिक नहीं बल्कि आपराधिक प्रवृत्ति के थे।’ दंगे में उनके शामिल होने के आरोप पर खान ने कहा कि दिल्ली के शासक अगर उनकी संलिप्तता साबित कर दें तो वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं ।

रामपुर : मुजफ्फरनगर दंगे और राज्य में हिंसा की अन्य घटनाएं ‘सांप्रदायिक नहीं थीं’ बल्कि अपराधियों का काम था। यह बात उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान ने कही है । उत्तरप्रदेश के शहरी विकास मंत्री ने कल शाम एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुजफ्फरनगर के दंगे सांप्रदायिक नहीं बल्कि आपराधिक प्रवृत्ति के थे।’ दंगे में उनके शामिल होने के आरोप पर खान ने कहा कि दिल्ली के शासक अगर उनकी संलिप्तता साबित कर दें तो वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं ।

उन्होंने कहा, ‘मुजफ्फरनगर, कांठ, सहारनपुर और बदायूं की घटनाओं की सच्चाई सामने आने लगी है । लोगों ने उन नेताओं की हकीकत पहचाननी शुरू कर दी है जिन्होंने ‘अच्छे दिन’ की बात की थी । आगामी चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा ।’ बहरहाल उत्तरप्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा मोदी प्रभाव और ‘अच्छे दिन’ के दावे आधारहीन साबित हुए हैं और इसके लिए उन्होंने बिहार और अन्य राज्यों के चुनाव परिणामों का उदाहरण दिया ।

उन्होंने कहा, ‘चुनाव परिणाम से पता चलता है कि ‘अच्छे दिन’ के बजाए ‘बुरे दिन’ आ गए हैं । इसी तरह के परिणाम उत्तरप्रदेश के भी होंगे ।’ लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के तीन महीने बाद भाजपा को बिहार विधानसभा उपचुनावों में राजद-जद यू-कांग्रेस गठबंधन के हाथों 4-6 से हार का सामना करना पड़ा । साथ ही कर्नाटक और मध्यप्रदेश में उसके दो गढ़ पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया ।

मोदी की विदेश नीति पर चिंता जाहिर करते हुए यादव ने कहा, ‘भारतीय क्षेत्र में चीन की घुसपैठ पाकिस्तान द्वारा लगातार संघषर्विराम उल्लंघन राजग सरकार की विफलता को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं ।’ अमर सिंह के पार्टी में शामिल होने के कयासों के बारे में यादव ने कहा कि न तो पार्टी और न ही अमर सिंह ने इस तरह का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा, ‘मामला चर्चा करने लायक भी नहीं है ।’

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