फिर आया सरकार को सपना, आदमपुर गांव में 2500 टन सोने का खजाना

साधु शोभन सरकार ने उन्नाव, फतेहपुर और कानपुर में कुल चार जगह खजाना होने की जानकारी सरकार को दी है। फतेहपुर जिले के आदमपुर गांव में मंदिर के पास 2500 टन सोने का खजाना दबे होने की बात शोभन ने कही है।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
उन्नाव (कानपुर) : उत्तर प्रदेश में आदमपुर के पुरातात्विक स्थल पर अकूत संपदा की बात सामने आने के बाद तहसील क्षेत्र के कई पुरातात्विक स्थल चर्चा का विषय बन गए है। साधु शोभन सरकार ने उन्नाव, फतेहपुर और कानपुर में कुल चार जगह खजाना होने की जानकारी सरकार को दी है। डौडिया खेड़ा गांव में सोने की खोज शुरू हो चुकी है। लेकिन ऐसा ही एक मंदिर पड़ोस के फतेहपुर जिले के आदमपुर गांव में भी है। इसे शिव चबूतरा कहते हैं। इस मंदिर के पास भी एक खंडहर है।
साधु शोभन सरकार का दावा है कि आदमपुर के इस खंडहर के नीचे भी खजाना दबा हुआ है। डौडिया खेड़ा में अगर एक हजार टन सोना है तो आदमपुर में ढाई हजार टन सोना है। कमाल ये है कि आदमपुर के खंडहर का किस्सा भी डौडिया खेड़ा से मिलता-जुलता है। कयास है कि आदमपुर में रीवा नरेश रघुराज सिंह ने यहां खजाना दबवाया था। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि यहां का खजाना रीवा नरेश से पहले के शासकों का है।
फिलहाल आदमपुर में खजाने की खोज शुरू नहीं हुई है। लेकिन तय है कि डौडिया खेड़ा की खुदाई में कुछ मिला तो यहां भी सोना मिलेगा। वैसे संत शोभन महाराज ने कुल चार जगह खजाना दबे होने का दावा किया है। ये जगह हैं उन्नाव का डौडिया खेड़ा गांव, फतेहपुर का आदमपुर गांव, कानपुर में बिठूर किले का परेड ग्राउंड और यहीं के चौबेपुर का रमेल इलाका।
जनपद मुख्यालय के भिटौरा ब्लॉक अंर्तगत गंगा तट पर स्थित आदमपुर गांव में सोने का खजाना दबे होने की चर्चा ने क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व के स्थानों का आकर्षण बढ़ा दिया है। लोगों के बीच ऐसे स्थान चर्चा के विषय बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं से भूगर्भ में समा चुके पुराने वैभव का समाज व राष्ट्रहित में उपयोग के प्रति संत शोभन सरकार की पहल पर सरकार की सक्रियता को प्रशासन विस्तार दे दे तो खागा की सरजमीं भी देश का भाग्य बदलने में सहायक साबित हो सकती है।
नगर के संस्थापक राजा खड़क सिंह के इतिहास से जुड़ा कुकरा कुकरी स्थल में भी अकूत भू-संपदा होने की संभावना है। इस स्थान को लेकर लंबे समय तक सक्रिय रहे पत्रकार सुमेर सिंह का कहना है कि इस टीले के आसपास के ग्रामीणों को कई मर्तबा बहुमूल्य नगीने पत्थर व सिक्के हाथ लगे हैं। इनका कहना है कि टीले की थोड़ी बहुत खुदाई उन्हेंने करा दी थी, जिसमें कतिपय भग्नावशेष उनके हाथ लगे थे। इस बारे मे उन्होंने पुरातत्व विभाग को पत्र भी लिखा था लेकिन कोई जवाब न मिलने के कारण निराश होकर बैठ गए।
अब जबकि आदमपुर के खजाने की बात सामने आ गई है, इन दिनों उस स्थान पर लोगों की चहल कदमी बढ़ गई है। प्राचीन धरोहरों और सामानों के शौकीन कुंवर लाल रामेंद्र सिंह के अनुसार, इस स्थान के चक्कर लगाते हुए उन्हें कई बार ऐसे तांत्रिक भी मिले हैं, जिन्होंने टीले के अंदर बहुमूल्य संपदा होने के का दावा किया है। बताते हैं कि सन् 1984 में जब टावर लगाने के लिए टीले की सतह की खुदाई हुई थी, उस समय भारी मात्रा में चांदी व ताबे के सिक्के निकले थे। अरबी भाषा की लिखाई वाले ये सिक्के कुछ ग्रामीणों के हाथ भी लगे थे।
डौडिया खेड़ा में खुदाई का दूसरा दिन
यूपी के उन्नाव में सोने की तलाश के लिए हो रही खुदाई का आज दूसरा दिन है। पूरे देश की नजर उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राव रामबख्श सिंह के किले पर टिकी हुई हैं। किला परिसर में सोने के खजाने की तलाश के लिए आज एक बार फिर खुदाई का काम शुरू होना है। इससे पहले शुक्रवार को यहां करीब छह इंच ही खुदाई हो पाई। खुदाई कर रही पुरातत्व विभाग की टीम का कहना है कि खुदाई करीब एक महीना चलेगी। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है। इलाके में तीन किलोमीटर तक बैरिकेडिंग है और पीएसी फोर्स तैनात कर सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।

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