`नक्सलियों से गोली से नहीं, अब बोली से होगी बात`

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र खरे ने कहा कि नक्सलियों से गोली से नहीं, अब बोली से बात होगी। साल 2014 में पुलिस का पूरा फोकस आत्मसमर्पण नीति पर होगा।

दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र खरे ने कहा कि नक्सलियों से गोली से नहीं, अब बोली से बात होगी। साल 2014 में पुलिस का पूरा फोकस आत्मसमर्पण नीति पर होगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में पुलिस नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करेगी। शासन आंध्रप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी आत्मसमर्पण नीति को और बेहतर करने पर विचार कर रहा है। नक्सल प्रवक्ता गुडसा उसेंडी द्वारा आंध्र पुलिस के सामने हथियार डालने पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुकाबले आंध्र में समर्पण नीति बेहतर है। इनाम की राशि वहां अधिक है। छत्तीसगढ़ में इसकी प्रक्रिया भी जटिल है।
उन्होंने कहा कि जितने भी नक्सलियों ने आंध्रप्रदेश पुलिस के सामने हथियार डाले हैं, वे मूलत: उसी प्रदेश के निवासी हैं। उनकी रहन-सहन संस्कृति अलग है, इसके अलावा मुठभेड़ के डर से भी वे छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने हथियार डालना नहीं चाहते हैं। खरे ने कहा कि नक्सालियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आत्मसमर्पण नीति को बेहतर बनाने के प्रयास होंगे। इनामी राशि में वृद्धि के साथ प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा। (एजेंसी)

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