बाघ ने मकसूद के किसी अंग को भी नहीं खाया था, फिर भी चली गई जान
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बाघ ने मकसूद के किसी अंग को भी नहीं खाया था, फिर भी चली गई जान

दिल्ली चिड़ियाघर में 20 वर्षीय मकसूद को मारने वाला बाघ फिलहाल कई दिनों तक दर्शकों को अब नहीं दिखेगा क्योंकि वह पिंजरे के अंदर अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

बाघ ने मकसूद के किसी अंग को भी नहीं खाया था, फिर भी चली गई जान

ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: दिल्ली चिड़ियाघर में 20 वर्षीय मकसूद को मारने वाला बाघ फिलहाल कई दिनों तक दर्शकों को अब नहीं दिखेगा क्योंकि वह पिंजरे के अंदर अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। विजय नाम का यह सफेद बाघ अगले तीन से पांच दिन तक ऑब्जर्वेशन में ही रखा जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक बाघ ने मकसूद को खाया नहीं था बल्कि उसके गर्दन के हिस्से पर चोट पहुंचाई थी जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

दिल्ली चिड़ियाघर के सूत्रों के मुताबिक बाघ विजय सिर्फ भैंस का मांस खाता है और उसका व्यवहार भी सामान्य है। डॉ. सेवलम के मुताबिक एक बाघ को तब तक मैन-ईटर नहीं कहा जा सकता जब तक वही इंसानी मांस नहीं चखता। सूत्रों के मुताबिक यह सफेद बाघ इंसानी मांस नहीं खाता उसे शुरू से ही भैंस का मांस खिलाया गया है। गौर हो कि 23 सितंबर को दिल्ली का मकसूद दिल्ली चिड़ियाघर के बाड़े में गिर गया था जहां 15 मिनट के बाद सफेद बाघ ने उसपर हमला कर दिया था जिसमें उसकी जान चली गई थी।

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