'गुजरात दंगा 2002 : मोदी तक सम्मन पहुंचाने वाले को मिलेगा 10000 डॉलर का इनाम, कड़ा किया गया सुरक्षा घेरा
Advertisement

'गुजरात दंगा 2002 : मोदी तक सम्मन पहुंचाने वाले को मिलेगा 10000 डॉलर का इनाम, कड़ा किया गया सुरक्षा घेरा

वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगों के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराने वाले नागरिक अधिकार संगठन ने भारतीय प्रधानमंत्री तक अदालत के सम्मन पहुंचाने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है।

 'गुजरात दंगा 2002 : मोदी तक सम्मन पहुंचाने वाले को मिलेगा 10000 डॉलर का इनाम, कड़ा किया गया सुरक्षा घेरा

न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में मुकदमा दर्ज कराने वाले एक मानवाधिकार संगठन ने इस मामले के संबंध में अमेरिकी अदालत द्वारा जारी समन को मोदी तक पहुंचाने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम दिए जाने की पेशकश की है।

उधर, भारत ने आज बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि 5 दिन की अमेरिका यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द गिर्द सुरक्षा का कड़ा घेरा है और इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि कोई उन्हें सम्मन दे सके तथा मामले में कार्रवाई जारी है।

सम्मन के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, भारतीय प्रतिनिधि के इर्द गिर्द सुरक्षा का कड़ा घेरा किया गया है। इस बात का कोई सवाल ही नहीं उठता कि कोई भारत के संप्रभु प्रतिनिधि को सम्मन पहुंचा सके। यह बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है कि इस तरह का कोई मुद्दा नहीं होगा। विदेश विभाग भी आज यह स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रक्रिया के अनुरूप मामले से निपटेगी और इस पर कार्रवाई जारी है।

न्यूयॉर्क में रहने वाले कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने कल यहां संवाददाताओं को बताया कि अमेरिकन जस्टिस सेंटर’’ (एजेंसी) ने अगले दो दिनों में शहर में मोदी के विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान अदालत के सम्मन उन तक (मोदी तक) पहुंचाने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम देने की पेशकश की है।

यह इनाम उस व्यक्ति को दिया जाएगा जो मोदी को सम्मन देगा और सबूत के तौर पर तस्वीर और वीडियो ला कर देगा। यह तस्वीर या वीडियो इस बात का प्रमाण होगा कि उस व्यक्ति ने मोदी तक अदालत का सम्मन पहुंचा दिया। एक बार मोदी को सम्मन दे दिए जाने के बाद, अदालत ने उसके जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।

हालांकि अमेरिकी सरकार का कहना है कि जब किसी राष्ट्र के शासनाध्यक्ष अमेरिका में हों तब उन्हें निजी संरक्षा प्राप्त होती है। इसका मतलब है कि मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करने के लिए न तो उन्हें निजी तौर पर दस्तावेज सौंपे जा सकते हैं और न ही उन तक भिजवाए जा सकते हैं।

भारत ने इस मामले को, मोदी की यात्रा के दौरान माहौल खराब करने के लिए निहित तत्वों द्वारा किया जा रहा ओछा और विद्वेषपूर्ण प्रयास बताते हुए निर्थक करार दिया है। साथ ही भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि मोदी कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहेंगे और किसी के भी द्वारा उन तक कोई सम्मन पहुंचाए जाने का सवाल ही नहीं उठता तथा इस संबंध में कार्रवाई जारी है।

एजेंसी का कहना है कि जो कुछ किया जा रहा है वह न्यूयार्क के कानून के अनुसार किया जा रहा है जिसके मुताबिक, यह काम कम से कम 10 फुट की दूरी से भी किया जा सकता है और संबद्ध व्यक्ति की ओर दस्तावेज उछाले भी जा सकते हैं। इस प्रक्रिया को इस तरह माना जाएगा कि सम्मन दिया जा रहा है। एजेसी ने मोदी को सम्मन देने के लिए कुछ लोगों को भाड़े पर भी नियुक्त किया है।

मोदी के खिलाफ सम्मन बृहस्पतिवार को दक्षिणी जिले न्यू यॉर्क की अमेरिकी संघीय अदालत (यूएस फेडरल कोर्ट) ने वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में उनकी कथित भूमिका को ले कर जारी किए हैं। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

ये सम्मन मोदी के खिलाफ एजेसी और गुजरात में गोधरा दंगों के दौरान हुई हिंसा से प्रभावित दो अन्य लोगों द्वारा दायर मुकदमे के सिलसिले में जारी किए गए हैं। यह मुकदमा ‘एलियन टॉर्ट क्लेम्स एक्ट’ और ‘टॉर्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट’ के तहत दायर किया गया है। ये कानून इसलिए लागू किए गए ताकि मानवाधिकारों के हनन के पीड़ित, अमेरिका के बाहर अपराध होने पर भी अपने आरोपियों के खिलाफ न्याय की गुहार लगा सकें।

क्षतिपूर्ति और दंडात्मक कार्रवाई की मांग करने वाली 28 पन्नों की शिकायत में मोदी पर मानवता के खिलाफ अपराध करने, न्यायेत्तर हत्याएं करने, पीड़ितों (जिनमें से अधिकतर मुस्लिम हैं) को प्रताड़ित करने और उन्हें मानसिक एवं शारीरिक आघात पहुंचाने के आरोप हैं। एजेसी के अध्यक्ष जोसेफ व्हाइटिंगटन ने कहा कि मोदी तक सम्मन पहुंचाना आसान नहीं होगा, लेकिन यह वर्ष 2002 के दंगा पीड़ितों के लिए प्रतीकात्मक विजय होगी।

पन्नुन ने कहा प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को उन कार्यो के लिए छूट होगी जो उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर किये लेकिन उन कार्यो के लिए यह छूट नहीं होगी जो उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर किए जिस समय दंगे हुए थे।

 

Trending news