अमेरिकी थिंकटैंक ने इंडो-यूएस संबंधों के लिए शुरू किया कार्यक्रम

अमेरिका के एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ने ‘इंडिया 2020’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है जो भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी के प्रत्येक पहलू के लिए लघु एवं दीर्घकालिक नीतिगत प्राथमिकताओं की समीक्षा करेगा। इसमें उन ठोस अनुशंसाओं पर ध्यान केंद्रित होगा जो साल 2020 तक हासिल की जा सकती हैं।

वाशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ने ‘इंडिया 2020’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है जो भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी के प्रत्येक पहलू के लिए लघु एवं दीर्घकालिक नीतिगत प्राथमिकताओं की समीक्षा करेगा। इसमें उन ठोस अनुशंसाओं पर ध्यान केंद्रित होगा जो साल 2020 तक हासिल की जा सकती हैं।

‘इंडिया 2020’ की शुरुआत सोमवार को सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस :सीएपी: ने शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक द्वारा अयोजित एक कार्यक्रम में की। इस अवसर पर विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारत को लेकर एक बड़ा विदेश नीति भाषण दिया। थिंक टैंक ने एक बयान में कहा कि इंडिया:2020 सीएपी द्वारा दक्षिण एशिया में वर्तमान कार्य का मजबूत आधार निर्मित और विस्तारित करने तथा इस बात के विश्लेषण पर जोर देता है कि वर्तमान सचाइयों के बीच दूरी क्यों है तथा यह संबंधों के लिए उम्मीद व्यक्त करता है।

‘इंडिया 2020’ की सलाहकार परिषद के सदस्यों में एश्टन कार्टर, पूर्व उप रक्षा मंत्री, स्वदेश चटर्जी पद्मभूषण प्राप्त एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रवासी भारतीयों की वैश्विक सलाहकार परिषद के सदस्य, तथा विशाखा देसाई, एशिया सोसाइटी की अध्यक्ष एमेरिटस एवं कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष की वैश्विक मामलों की विशेष सलाहकार तथा प्रोफेसर, शामिल हैं।

बयान में कहा गया कि 2020 को बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल करते हुए सीएपी क्षेत्रीय विश्लेषण और व्यापार तथा निवेश, रक्षा सहयोग, द्विपक्षीय सहयोग के लिए रणनीतिक वार्ता और नागरिकों के बीच आदान प्रदान के जरिए भारत के साथ भागीदारी को गहरा करने के लिए भविष्योन्मुखी नीतिगत सिफारिशें उपलब्ध कराएगा। केरी ने अपनी टिप्पणी में भारत-अमेरिका संबंधों पर सीएपी की इसके कार्यों के लिए सराहना की।

उन्होंने कहा कि सीएपी ने लगातार साबित किया है कि हमारी राजनीतिक चर्चा में अच्छे विचार सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

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