निवेशकों की राह में लाल-कालीन बिछा है, लालफीताशाही का रोड़ा नहीं: PM मोदी
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निवेशकों की राह में लाल-कालीन बिछा है, लालफीताशाही का रोड़ा नहीं: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जापान में मंगलवार को चौथा दिन है। जापान-इंडिया एसोसिएशन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी व्यापारियों से कहा कि निवेश के लिए भारत से बढ़िया जगह कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने जापान के व्यापारियों से कहा कि जो चमत्कार आप जापान में 10 साल में कर सकते हैं, वही चमत्कार भारत में आप 2 साल में कर सकते हैं। भारत में इस तरह की अपार संभावनाएं हैं।

निवेशकों की राह में लाल-कालीन बिछा है, लालफीताशाही का रोड़ा नहीं: PM मोदी

टोक्यो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी निवेशकों का सशक्त आह्वान करते हुए आज यहां कहा कि भारत में निवेशकों के लिए लालफीताशाही की कोई अड़चन नहीं रह गयी है बल्कि उनके स्वागत में ‘लाल कालीन’ बिछा है क्योंकि सरकार ने बहुत से नियमों को उदार बना दिया है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार विकास और विनिर्माण गतिविधियां बढ़ाने के लिए और भी प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि निवेश करने के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती। मोदी ने कहा ‘मैं आपको आश्वस्त करने आया हूं कि भारत में कोई लालफीताशाही नहीं है बल्कि लाल कालीन है। हमने कई नियम उदार बनाए हैं।’

आर्थिक मार्चे पर दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया इतिहास रचने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इकलौती जगह है जहां अपको लोकतंत्र मिलेगा, युवा आबादी मिलेगी और बाजार मिलेगा। मोदी जापान के वाह्य व्यापार संगठन और निकेई द्वारा आयोजित गोष्ठी में जापानी निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत लोकतंत्र, सुरक्षा और न्याय की गारंटी देता है। उन्होंने जापानी निवेशकों से कहा कि भारत वैश्विक बाजार तक पहुंचने के लिए ईश्वर प्रदत्त स्थान है।

अपनी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि उसने ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं जो पिछले ढाई साल में नहीं की जा सकी थीं। देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर अप्रैल से जून की तिमाही में 5.7 प्रतिशत रही जो पिछले दो साल से अधिक समय का उच्चतम स्तर है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव पेशकश के लिए तैयार है। उन्होंने कहा ‘बगैर जापान के भारत अधूरा है और भारत के बगैर जापान अधूरा है।’ उनके मुताबिक जापान का हार्डवेयर कौशल और भारत का साफ्टवेयर कौशल मिल जाए तो चमत्कार हो सकता है।

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