भारतीय वैज्ञानिक को जैव विविधता से संबंधित 2014 का मिदोरी पुरस्कार

भारतीय पारिस्थितिकीविद् कमल बावा को जैव विविधता के क्षेत्र में दिया जाने वाला 2014 का मिदोरी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी है। यह पुरस्कार उन्हें हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध के लिए दिया जाएगा।

भारतीय वैज्ञानिक को जैव विविधता से संबंधित 2014 का मिदोरी पुरस्कार
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वॉशिंगटन : भारतीय पारिस्थितिकीविद् कमल बावा को जैव विविधता के क्षेत्र में दिया जाने वाला 2014 का मिदोरी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी है। यह पुरस्कार उन्हें हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध के लिए दिया जाएगा।

जापान स्थित एओन इन्वायरनमेंटल फाउंडेशन ने 2010 में मिदोरी प्राइज फोर बायोडायवर्सिटी की स्थापना की थी जो वैश्विक, क्षेत्रीय या स्थानीय स्तरों पर जैव विविधता के संरक्षण एवं स्थायी उपयोग को लेकर असाधारण योगदान देने वाले केवल तीन लोगों को दिया जाता है।

बेंगलूर स्थित पर्यावरण शोध से जुड़े संगठन अत्री द्वारा जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया कि 75 वर्षीय बावा को अक्तूबर में दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में कॉप-12 के दौरान यह पुरस्कार दिया जाएगा जहां कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-11) का वर्तमान अध्यक्ष भारत दक्षिण कोरिया को इसकी अध्यक्षता सौंपेगा। बावा अत्री (अशोका ट्रस्ट फोर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड दि इन्वायरनमेंट) के अध्यक्ष भी हैं।

अत्री के निदेशक गणेशन बालचंदर ने कहा, उन्होंने हमारी प्राकृतिक संपदा और उससे जुड़ी सांस्कृतिक संपदा को पहुंच रही क्षति के खतरों को लेकर स्थानीय और दुनिया भर के लोगों को जागरूक किया है। मेसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में 40 साल से अधिक समय तक पढ़ाने वाले बावा को इससे पहले 2012 में पहला गुनेरस अवार्ड इन सस्टैनिबिलिटी साइंस के रूप में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।

   

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