मुशर्रफ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
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मुशर्रफ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जबकि एक अन्य अदालत ने उन्हें देश से बाहर जाने से रोकने की मांग करती याचिका खारिज कर दी।

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जबकि एक अन्य अदालत ने उन्हें देश से बाहर जाने से रोकने की मांग करती याचिका खारिज कर दी।
मजिस्ट्रेट अदालत ने यहां मुशर्रफ को वर्ष 2007 में सैन्य अभियान के दौरान लाल मस्जिद में एक शीर्ष इमाम अब्दुल राशिद की हत्या से जुड़े एक मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा।
इसी मजिस्ट्रेट ने इससे पहले पुलिस की उन्हें हिरासत में देने का अनुरोध ठुकराते हुए कहा कि पुलिस हिरासत उसी स्थिति में संभव है जब मुशर्रफ अदालत में मौजूद हों। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मजिस्ट्रेट से कहा कि मुशर्रफ को अदालत में लाना बड़ा सुरक्षा जोखिम होगा।
उनकी दलीलें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने 70 वर्षीय मुशर्रफ को न्यायिक हिरासत में भेजा और निर्देश दिया कि उन्हें इस्लामाबाद के बाहरी क्षेत्र में बने फार्म हाउस में रखा जाए। इस फार्महाउस को उपजेल घोषित किया जा चुका है।
एक अन्य घटनाक्रम में, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अब्दुल राशिद के बेटे हारून राशिद गाजी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मुशर्रफ को विदेश जाने से रोकने के लिए ‘निकास नियंत्रण सूची’ (एक्जिट कंट्रोल लिस्ट) में शामिल करने का अनुरोध किया गया था।
गाजी के वकील ने दावा किया कि मुशर्रफ पाकिस्तान छोड़ने की तैयारी में थे क्योंकि उन्हें वर्ष 2006 के बलूच राष्ट्रवादी नेता अकबर बुगती की हत्या, बेनजीर भुट्टो की हत्या और वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के तीन प्रमुख मामलों में जमानत मिल गई थी। हालांकि न्यायमूर्ति रियाज अहमद खान ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मुशर्रफ पहले ही हिरासत में मौजूद हैं और ‘निकास नियंत्रण सूची’ में नाम जोड़ना गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है।
अटकल थी कि मुशर्रफ इस सप्ताह बुगती हत्याकांड में जमानत मिलने के बाद पाकिस्तान छोड़कर जा सकते हैं। हालांकि उन्हें कल लाल मस्जिद मामले में हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। (एजेंसी)

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