भारत के साथ मुद्दों को हल करना चाहते हैं नवाज शरीफ

पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित तालिबान की शांति वार्ता के लिए तैयारी के बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज ने कहा कि वह देश में आतंकवाद और भारत के साथ लंबित मुद्दों का हल बातचीत के जरिए करना चाहते हैं क्योंकि यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जरूरी है।

इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित तालिबान की शांति वार्ता के लिए तैयारी के बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज ने कहा कि वह देश में आतंकवाद और भारत के साथ लंबित मुद्दों का हल बातचीत के जरिए करना चाहते हैं क्योंकि यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जरूरी है।
शरीफ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरी सिर्फ एक ख्वाहिश और दुआ है कि यह प्रक्रिया (तालिबान के साथ वार्ता) सफलतापूर्वक आगे बढ़नी चाहिए और पाकिस्तान के सामने जो भी मुद्दे हैं उनका समाधान बातचीत के जरिए होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी चाहता हूं कि भारत और अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के बाहरी मुद्दों का हल बातचीत के जरिए हो। यहां कई लंबित मुद्दे हैं जिन पर हम बातचीत के जरिए आगे बढ़ सकते हैं।’’ शरीफ ने कहा कि बातचीत के जरिए शांति को बहाल करना ही सबसे अच्छा विकल्प है और यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार के लिए महत्वपूर्ण है।
नवाज शरीफ की सरकार ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने सरकार के साथ बातचीत के लिए तालिबान की ओर से एक दल के नामित किए जाने का स्वागत किया है। शरीफ ने तालिबान के साथ बातचीत की शुरूआत का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि दोनों समितियां देश में शांति लाने के लिए सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि वह संवाद प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान सरकार की समिति के संपर्क में हैं ताकि सकारात्मक परिणाम तक पहुंचने में सहयोग किया जा सके।
उधर, तालिबान ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में बातचीत की समितियों के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया है। टीटीपी के प्रवक्ता शाहिदुल्ला शाहिद ने एक बयान में कहा कि तालिबान की शूरा (परिषद) अपनी समिति का मार्गदर्शन करेगी। उसने कहा कि तालिबान गंभीरता से शांति वार्ता करना चाहता है। टीटीपी ने अपनी समिति में कट्टरपंथी मौलवी सैमुल हक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान, लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल अजीज, जमात-ए-इस्लामी के नेता मुहम्मद इब्राहीम और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ के नेता किफायतुल्ला के नाम प्रस्तावित किए हैं। खबर है कि इमरान खान इस प्रस्ताव को लेकर असहज हैं और इस बारे में जल्द अंतिम फैसला किया जाएगा। (एजेंसी)

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