थाई सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री को तलब किया
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थाई सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री को तलब किया

तख्तापलट करने के एक दिन बाद थाईलैंड के सेना प्रमुख ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा सहित शीर्ष नेताओं को तलब किया और अत्यधिक ध्रुवीकृत राष्ट्र के लिए अपनी योजनाएं पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जनता को सत्ता लौटाने से पहले आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सुधार जरूरी हैं।

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बैंकाक : तख्तापलट करने के एक दिन बाद थाईलैंड के सेना प्रमुख ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा सहित शीर्ष नेताओं को तलब किया और अत्यधिक ध्रुवीकृत राष्ट्र के लिए अपनी योजनाएं पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जनता को सत्ता लौटाने से पहले आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सुधार जरूरी हैं।
खुद को नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर चुके जनरल प्रयुत चान ओचा ने सशस्त्र बलों और पुलिस के बीच सरकार की जिम्मेदारियां बांट दी।
सख्ती से पेश आने वाले 60 वर्षीय जनरल ने कहा कि कोई चुनाव कराए जाने से पहले देश को आर्थिक, समाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुधारों के दौर से गुजरने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें चुनाव से पहले अवश्य ही आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधार करना चाहिए। यदि स्थिति शांतिपूर्ण रहती है तो हम जनता को सत्ता लौटाने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि नये प्रशासन की प्राथमिकताओं में धान की खेती करने वाले किसान सबसे उपर होंगे।
बैंकाक पोस्ट की खबर के मुताबिक जनरल ने कहा कि किसानों को भुगतान करने के लिए एक बजट बनाया गया है। पूर्व फीयू थाई पार्टी नीत सरकार की नाकाम योजनाओं के चलते इन लोगों का करोड़ों बहत :मुद्रा: बकाया है। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि किसान 15 से 20 दिन में अपनी रकम पाएं।
इससे पहले दिन के वक्त यिंगलक और उनके करीबी सहयोगी एक सैन्य प्रतिष्ठान में पेश हुए। उन्हें सैन्य सरकार ने तलब किया था।
यिंगलक उन 155 लोगों में शामिल हैं जिन्हें सेना प्रमुख जनरल प्रयुत चान ओचा ने देश में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए तलब किया। दरअसल, महीनों की अशांति के चलते सरकार बहुत हद तक पंगु हो गई थी और हिंसक झड़पें हुई थी।
काले रंग के बुलेट प्रूफ फाक्सवैगन वाहन में सवार यिंगलक थेवेस स्थित रॉयल आर्मी सभागार पहुंची। उनके साथ सुरक्षाकर्मी एवं अंगरक्षक भी थे।
बीबीसी की खबर के मुताबिक यिंगलक को जिस स्थान पर बुलाया गया था वहां से वह निकल गई और दूसरे स्थान पर जा रही थी। बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि कहीं वह अभी तक हिरासत में तो नहीं हैं।
बैंकाक पोस्ट की खबर के मुताबिक यिंगलक की मौजूदगी से इन अटकलांे पर विराम लग गया कि जनरल प्रयुत द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा करने के बाद उन्होंने देश छोड़ दिया है।
सेना ने बगैर इजाजत के 155 प्रख्यात राजनीतिक शख्सियतों के देश छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और उसके आदेश का पालन नहीं करने वाले को गिरफ्तार करने की धमकी दी है।
वर्ष 2006 के तख्तापलट के उलट इस बार सड़कों पर टैंक नहीं उतारे गए हैं और सिर्फ कुछ सैनिक ही मुख्य इमारतों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं।
गौरतलब है कि सेना ने कल संविधान निलंबित कर दिया था और रात 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक राष्ट्रव्यापी रात्रिकालीन कर्फ्यू की घोषणा की थी। (एजेंसी)

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