थाईलैंड की पीएम यिंगलक शिनावात्रा ने भंग की संसद, चुनाव का आह्वान, 2 फरवरी तक होंगे चुनाव
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थाईलैंड की पीएम यिंगलक शिनावात्रा ने भंग की संसद, चुनाव का आह्वान, 2 फरवरी तक होंगे चुनाव

थाईलैंड की संकटग्रस्त प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने देश में गहराते राजनीतिक संकट के मद्देनजर संसद भंग करने के लिए आज शाही मंजूरी मांगी और ताजा चुनाव कराने का आह्वान किया।

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बैंकाक : थाईलैंड की संकटग्रस्त प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने आज संसद भंग कर दी और मध्यावधि चुनावों का आह्वान किया। वहीं बैंकॉक में हजारों प्रदर्शनकारी देश चलाने के लिए ‘पीपुल्स काउंसिल’ बनाने की मांग के साथ सड़कों पर उतरे।
यिंगलक ने टेलीविजन पर दिए एक बयान में कहा, सभी पक्षों की बात सुनने के बाद मैंने संसद भंग करने के लिए शाही आदेश का अनुरोध करने का फैसला किया है। 2011 में सत्ता में आने वाली 46 वर्षीय प्रधानमंत्री ने कहा, लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुसार नए चुनाव होंगे। चुनाव आयोग के सदस्य सोदस्री सट्टयाथम ने कहा कि 500 सदस्यीय निचले सदन के लिए आम चुनाव 60 दिनों के भीतर या 2 फरवरी 2014 से पहले होंगे। थाई चुनाव कानून के तहत, नए चुनाव अगले 60 दिनों में हो जाने चाहिए। हालांकि यिंगलक की सरकार को एक अनिर्वाचित ‘पीपुल्स काउंसिल’ के जरिए हटाने की मांग करने वाले सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रैलियां जारी रहेंगी।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री पर अपने भाई और पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा के हाथों की कठपुतली होने का आरोप लगाया। इससे पहले पूर्व उप प्रधानमंत्री और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के नेता सुतेप ताउगसुबन ने कहा था कि प्रदर्शनकारी देश से ‘थाकसिन प्रभाव’ को उखाड़ फेंकने के लिए आज आखिरी बिगुल फूंकेंगे। आज सुबह एक लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने गवन्र्मन्ट हाउस का घेराव किया, जिससे प्रशासन को विदेशी कूटनीतिज्ञों को स्थिति की समीक्षा के लिए आमंत्रित करने की योजना रद्द करनी पड़ी। यिंगलक ने कहा कि वह अंतरिम सरकार की प्रमुख बनी रहेंगी।
उन्होंने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि स्थिति हिंसक हो सकती है इसलिए सरकार ने लोगों को शक्ति लौटाने और उन्हें चुनाव के जरिए स्वयं फैसला करने देने का फैसला किया है। हालांकि प्रदर्शनकारी नेताओं सतित वोंगनोंगतोई ओर तावोर्न सेनियम ने सदन भंग होने के बाद उनके इस्तीफे की मांग की।
प्रदर्शनकारियों के नेता सतित ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि सदन को भंग किया जाना पहली जीत है, लेकिन वास्तविक लोकतंत्र को हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि सुथेप द्वारा गठित पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिफॉर्म कमिटी चाहती है कि देश में ‘पीपुल्स काउंसिल’ का गठन किया जाए और कार्यवाहक कैबिनेट इस्तीफा दे।
उधर, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सुरापोंग तोविचाकचैकुल ने कहा कि उनका मानना है कि यिंगलक अगला चुनाव लड़ेंगी, हालांकि उन्होंने खुद इस बारे में कुछ नहीं कहा है। थाई गृह मंत्री और दो उप प्रधानमंत्रियों ने एनबीटी चैनल पर आपात बयान जारी कर जनता और छात्रों से आग्रह किया कि वे प्रदर्शनों में शामिल नहीं हों और अपने घरों को लौट जाएं। विपक्षी सांसदों ने कल सरकार विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए इस्तीफा दे दिया था। (एजेंसी)

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