चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर हुआ 12 अरब डॉलर

भारत और चीन के द्विपक्षीय व्यापार में इस कैलेंडर वर्ष के शुरुआती पांच महीनों में भारत का व्यापार घाटा 34 प्रतिशत बढ़कर 12 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

बीजिंग : भारत और चीन के द्विपक्षीय व्यापार में इस कैलेंडर वर्ष के शुरुआती पांच महीनों में भारत का व्यापार घाटा 34 प्रतिशत बढ़कर 12 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
इस स्थिति को देखते हुये भारतीय निर्यात की तस्वीर धुंधली दिखाई देती है क्योंकि द्विपक्षीय व्यापार में लगातार गिरावट आ रही है और वर्ष 2015 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य की उम्मीद धूमिल पड़ती जा रही है।
चीन सीमाशुल्क विभाग द्वारा जारी व्यापार आंकड़ों के अनुसार मई 2013 तक भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 26.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया और भारत का व्यापार घाटा 34 प्रतिशत बढ़कर 12 अरब डॉलर तक पहुंच गया। पिछले साल के मुकाबले भारत से चीन को निर्यात में इस साल दो अरब डॉलर कमी आई है।
दोनों देशों के बीच 2012 में द्विपक्षीय व्यापार एक साल पहले के 74 अरब डॉलर से घटकर 66.7 अरब डॉलर रह गया। पिछले साल व्यापार घाटा 30 अरब डॉलर तक पहुंच जाने से भारत में चिंता बढ़ गई।
चीन के निर्यात में हालांकि, कुछ वृद्धि हुई है लेकिन द्विपक्षीय व्यापार आंकड़ों में गिरावट आई है। अधिकारियों ने यहां बताया निर्यात में भारी गिरावट आई है जबकि आयात मामूली तौर पर बढ़ा है।
भारत के लिये निराशा की बात यह है कि उसके प्रमुख निर्यात सामान कपास, लौह अयस्क और तांबे आदि में लगातार गिरावट का रख बना हुआ है। (एजेंसी)

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