नई दिल्ली : उद्योग मंडल सीआईआई ने ढांचागत क्षेत्र को व्यावहारिक बनाने और पूंजी आकषिर्त करने लायक बनाने के लिए आगामी बजट में आपात कदम उठाए जाने की जरूरत बताई है।
सीआईआई ने वित्त मंत्रालय को बजट पूर्व सौंपे अपने ज्ञापन में कहा,‘12वीं योजनावधि में ढांचागत क्षेत्र में 970 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने की योजना के मद्देनजर इस क्षेत्र को व्यवहारिक और पूंजी आकर्षित करने लायक बनाने के लिए आपात कदम उठाए जाने की जरूरत है।’
इसके लिए उद्योग मंडल ने सरकार से ढांचागत कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) भुगतान से छूट देने की मांग की है। वर्तमान में ढांचागत परियोजनाएं अपने परिचालन के पहले 15.20 साल के दौरान लगातार 10 साल तक धारा 80आईए के तहत कर हालीडे का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं।
सीआईआई ने कहा,‘इस अवधि के दौरान न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाए जाने से 80आईए के तहत उपलब्ध कर लाभ का बड़ा भाग नगण्य रह जाता है।’
ज्ञापन में बिजली क्षेत्र के लिए धारा 80आईए के सनसेट उपबंध के तहत बिजली क्षेत्र को कर लाभ जारी रखने की जरूरत की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है। (एजेंसी)
सीआईआई
बजट में ढांचागत क्षेत्र में निवेश पर हो ध्यान: CII
उद्योग मंडल सीआईआई ने ढांचागत क्षेत्र को व्यावहारिक बनाने और पूंजी आकषिर्त करने लायक बनाने के लिए आगामी बजट में आपात कदम उठाए जाने की जरूरत बताई है।
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