पाकिस्‍तान के साथ सीधी बातचीत जल्दबाजी में नहीं: खुर्शीद
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पाकिस्‍तान के साथ सीधी बातचीत जल्दबाजी में नहीं: खुर्शीद

भारत नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ तनाव को कम करने के लिए विदेश मंत्रियों की बातचीत के पक्ष में नहीं है जैसा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने प्रस्ताव किया है।

नई दिल्ली : भारत नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ तनाव को कम करने के लिए विदेश मंत्रियों की बातचीत के पक्ष में नहीं है जैसा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने प्रस्ताव किया है।
बातचीत के लिए खार की पेशकश पर बहुत उत्साह नहीं दिखाते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने यहां कहा कि मंत्रियों के बीच सीधी बातचीत जल्दबाजी में नहीं हो सकती। उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान के साथ बातचीत के मसले पर प्रधानमंत्री ही कोई निर्णय लेंगे।
गौर हो कि खार ने बुधवार रात इस्लामाबाद में जारी एक बयान में कहा था कि दोनों देशों के लिए यही सुझाव है कि संघषर्विराम के सम्मान को बहाल करने के लिए वे नियंत्रण रेखा से संबंधित सभी मुद्दों पर बातचीत करें। संभव हो तो यह बातचीत विदेश मंत्री के स्तर पर हो जिससे समाधान निकाला जा सके। भारत के आगे के कदम के बारे में खुर्शीद ने कहा कि हमें मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और हमें कदम दर कदम आगे बढ़ना चाहिए।
इस बीच खुर्शीद और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठ जनवरी को नियंत्रण रेखा पर हुई घटना के फलस्वरूप उत्पन्न हालात के बारे में जानकारी दी । इस घटना में दो भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गयी थी और पाकिस्तानियों ने एक भारतीय सैनिक का सिर धड से अलग कर दिया था।
खुर्शीद ने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिनमें विचारशील विश्लेषण किया जाता है और इसी के अनुसार आपको बताया जाता है कि क्या कहना है। ऐसे में किसी तरह की हड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
इस बीच खुर्शीद और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आज केंद्रीय केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठ जनवरी को नियंत्रण रेखा पर हुई घटना के फलस्वरूप उत्पन्न हालात के बारे में जानकारी दी । इस घटना में दो भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गई थी और पाकिस्तानियों ने एक भारतीय सैनिक का सिर धड से अलग कर दिया था।
समझा जाता है कि खुर्शीद ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बताया कि पाकिस्तान ने घटना की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने की पूर्व की मांग पर लचीला रूख अपनाया है और अब वह द्विपक्षीय वार्ता चाहता है। (एजेंसी)

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