सज्जन कुमार की अर्जी पर फैसला सुरक्षित
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सज्जन कुमार की अर्जी पर फैसला सुरक्षित

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस याचिका में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। निचली अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। यह मामला सुल्तानपुरी इलाके में छह लोगों की हत्या से संबंधित है। न्यायमूर्ति सुरेश कैट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उच्च न्यायालय को 29 अप्रैल को अपना आदेश सुनाना था, लेकिन मामले में और सुनवाई की दरकार जताते हुए अदालत ने फैसला टाल दिया था।
सज्जन कुमार ने निचली अदालत के जुलाई 2010 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें अदालत ने कुमार समेत पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। सभी पर 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगे के दौरान छह लोगों की हत्या करने का आरोप है।
इस मामले में कांग्रेस नेता ब्रह्मानंद गुप्ता, पेरू कौशल सिंह और वेद प्रकाश पिआल पर दंगा, हत्या और संपत्ति का ध्वंस करने समेत कई अन्य आरोप हैं।
सज्जन कुमार और मामले के दो अन्य सह आरोपी पिआल उर्फ वेदु प्रधान एवं गुप्ता ने 2010 में ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की शिकायतकर्ता शीला कौर ने उच्च न्यायालय में प्रति याचिका दायर कर सज्जन कुमार एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश का भी आरोप लगाने की मांग की थी। उन्होंने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप लगाने को चुनौती देने वाली याचिका का भी विरोध किया।
हाल ही में कड़कड़डूमा अदालत ने दंगे के दौरान दिल्ली छावनी इलाके में पांच लोगों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। (एजेंसी)

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