दिल्ली के 6 फास्ट ट्रैक कोर्ट में न्यायाधीशों ने संभाला पद

दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद स्थापित छह फास्ट ट्रैक अदालतों में आज छह न्यायिक अधिकारियों ने न्यायाधीशों का पद संभाल लिया है।

नई दिल्ली : दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद स्थापित छह फास्ट ट्रैक अदालतों में आज छह न्यायिक अधिकारियों ने न्यायाधीशों का पद संभाल लिया है। ये छह सत्र न्यायाधीश पहले जिन अदालतों में पदस्थापित थे, उन्हें खत्म कर दिया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की अधिसूचना के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) योगेश खन्ना दक्षिण एवं दक्षिण पूर्वी जिलों के यौन अपराध संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए साकेत अदालत परिसर में पदस्थापित रहेंगे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश टी आर नवल कड़कड़डूमा अदालत परिसर में बैठेंगे और पूर्वी एवं पूर्वोत्तर जिलों के मामलों की सुनवाई करेंगे। इसी तरह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महेश चंद गुप्ता उत्तर पश्चिमी एवं बाहरी दिल्ली के लिए रोहिणी अदालत में बैठेंगे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा मध्य एवं उत्तरी दिल्ली जिलों के लिए तीस हजारी अदालत परिसर में बैठेंगी जबकि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निवेदिता अनिल शर्मा पश्चिमी दिल्ली जिले के लिए तीस हजारी अदालत परिसर में बैठेंगी। इसी प्रकार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के लिए द्वारका अदालत परिसर में बैठेंगे।
अधिसूचना के अनुसार विभिन्न जिलों के सभी सत्र न्यायाधीश अपनी अदालतों में लंबित यौन अपराधों के मामले इन छह फास्ट ट्रैक अदालतों को सौंपेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (सतर्कता) आर किरन नाथ की ओर से जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि ये छह न्यायाधीश अपनी पूर्व अदालतों में लंबित मामले अन्य न्यायाधीशों को सौंपेंगे। यौन अपराधों से निपटने के लिए दिल्ली की साकेत अदालत परिसर में स्थापित यहां की पहली फास्ट ट्रैक अदालत का उद्घाटन दो जनवरी को देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर ने किया था। (एजेंसी)

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