बिहार में शहीदों का अपमान, ना नीतीश पहुंचे ना कोई मंत्री
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बिहार में शहीदों का अपमान, ना नीतीश पहुंचे ना कोई मंत्री

नई दिल्ली से बुधवार रात जब तिरंगे में लिपटे शहीद जवानों का पार्थिव शरीर पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उनके सम्मान में सलामी देने वाला बिहार सरकार का कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
पटना : देश की सरहद पर पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी हमले में मारे गए भारतीय सेना के पांच जवानों में चार जवान 21 बिहार रेजीमेंट के थे। नई दिल्ली से बुधवार रात जब तिरंगे में लिपटे इन शहीद जवानों का पार्थिव शरीर पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उनके सम्मान में सलामी देने वाला बिहार सरकार का कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था। अलबत्ता दानापुर रेजिमेंट के कमांडेंट एके यादव और उनके नायब आसिफ हुसैन तथा अन्य जवानों ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर लेने की अगवानी की और देश पर कुर्बान हो जाने के बदले सलामी भी दी। शहीदों के शव बुधवार रात करीब 10 बजे पहुंचे थे।
पटना में शहीदों के शव के साथ हुई इस अपमानजनक घटना से राज्य ही नहीं पूरे बल्कि देश में आक्रोश है। जो जवान देशवासियों को चैन की नींद सोने के लिए सरहद पर अपनी जान कुर्बान करने से भी पीछे नहीं हटते, उन्हीं जवानों के मौत की नींद सो जाने के बाद किसी मंत्री, नेता का पैर तक नहीं हिला। बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार का मॉडल प्रदर्शित करने की वजह से राज्य से बाहर गए हैं।
सैनिक सम्मान देने और थलसेना अधिकारियों द्वारा माल्यार्पण के बाद शहीदों के पार्थिव शरीर अलग-अलग ट्रकों में रखे गए उनके घर भेजे गए। अधिकारियों के मुताबिक विजय राय का शव दानापुर छावनी ले जाया जा रहा है जबकि बाकी जवानों के पार्थिव शरीर भोजपुर और सारण स्थित उनके गृह जिले में भेजा जाएगा।
मालूम हो कि पाकिस्तानी हमले में देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले पांच में चार जवान बिहार से ताल्लुक रखते थे। बिहार के ये जांबाज चार शहीद जवान - नायक प्रेम नाथ (35 वर्ष) छपरा, लांस नायक शंभु सरन (29 वर्ष) भोजपुर, सिपाही विजय कुमार राय (27 वर्ष) पटना, सिपाही रघुनंदन (23 वर्ष) छपरा के थे।

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