गो गोवा गॉन (मूवी रिव्‍यू): एंटरटेनिंग है जोम्‍बीज का नया कांसेप्‍ट
Advertisement

गो गोवा गॉन (मूवी रिव्‍यू): एंटरटेनिंग है जोम्‍बीज का नया कांसेप्‍ट

जोम्बीज और कॉमेडी के मिश्रण से तैयार फिल्म गो गोवा गॉन का कान्‍सेप्‍ट अभी भारतीय सिनेमा के लिए नया है। बॉलीवुड में भूत, प्रेतात्‍मा और असमान्य घटनाओं पर बनी फिल्मों की अब तक भरमार रही है। पर्दे से कुछ दिन गायब रहने के बाद अब सुपरनैचुरल और हॉरर जोनर से वापसी की है।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
जोम्बीज और कॉमेडी के मिश्रण से तैयार फिल्म गो गोवा गॉन का कान्‍सेप्‍ट अभी भारतीय सिनेमा के लिए नया है। बॉलीवुड में भूत, प्रेतात्‍मा और असमान्य घटनाओं पर बनी फिल्मों की अब तक भरमार रही है। पर्दे से कुछ दिन गायब रहने के बाद अब सुपरनैचुरल और हॉरर जोनर से वापसी की है। युवा निर्देशकों की जोड़ी राज और डीके एक नया तरह का जोम्बी लेकर आए हैं। दर्शकों का परिचय जॉम्बीज से करवाने की पहल की गई है। आपको बता दें कि विदेशों में जोम्बी फिल्में खूब सफल हो रही हैं। फिल्‍म गो गोवा गॉन में ड्रग्स के ओवरडोज से आम इंसान जोम्बी में बदल जाता है। और फिर कोई जोम्बी किसी सामान्य व्यक्ति को काट खाए तो वह भी जोम्बी बन जाता है।
हार्दिक (कुणाल खेमू) और लव (वीर दार) अपने दोस्त बनी (आनंद तिवारी) के साथ गोवा की ट्रिप पर जाते हैं। आज के कुछ युवकों की तरह उन्हें भी नशे का शौक है। जीवन में एक्साइटमेंट के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। लव की मुलाकात लूना (पूजा गुप्ता) से होती है जो उसे एक दूरदराज के आइलैंड पर रेव पार्टी के लिए ले जाती है। ये रेव पार्टी एक ड्रग लॉन्च करने के लिए रशियन माफिया बोरिस (सैफ अली खान) के दिमाग की उपज है। यहां ये नशा करते हैं और नशा टूटने पर वे खुद को जोम्बी के बीच फंसा पाते हैं।

राज-डीके ने एक कहानी को रोचक और विश्वसनीय बनाने का भरसक प्रयास किया है। पहले एक नजर में यह फिल्म थोड़ी अटपटी लगती है। युवा दर्शकों को ध्‍यान में रखकर बनाई गई यह फिल्म में कॉमेडी का भी तड़का है। शहरी युवकों के भटकाव का इसमें चित्रण किया गया है।
सैफ अली खान इसमें अपना किरदार बेहतर ढंग से निभाते हैं। कुणाल खेमु और वीर दास की जोड़ी अच्‍छी रही है। इस फिल्‍म में हीरोइनों के लिए कुछ खास जगह नहीं है। यह आम कॉमेडी फिल्म की बजाय एंडवेंचरस ज्यादा है। स्क्रीनप्ले में कॉमेडी को बेहतर तरीके से पिरोया गया है। हंसी-मजाक को कहानी में बखूबी शामिल किया गया है जो फिल्म में खून-खराबे के बावजूद आपके हंसी को बनाए रखता है। इस फिल्‍म के गाने मजेदार और थीम के अनुसार हैं। डायलॉग मजेदार हैं और युवाओं को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं।
सैफ ने अपने किरदार में अच्छा बैलेंस बनाया है। कुणाल खेमू, वीर दास और आनंद तिवारी ने भी बढि़या काम किया है। आनंद तिवारी के लिए यह फिल्म करियर के लिहाज से टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है। पूजा गुप्ता का काम भी सराहनीय है। नए प्रयोग के साथ बनी फिल्‍म गो गोवा गॉन कुल मिलाकर हंसाती है और पूरी तरह से एंटरटेनिंग है।

Trending news