‘हिम्मतवाला’ ने श्रीदेवी को स्टार बनाया: साजिद

वर्ष 1983 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘हिम्मतवाला’ का आधिकारिक रीमेक बनाने वाले निर्देशक साजिद खान का कहना है कि मूल ‘हिम्मतवाला’ ने ही श्रीदेवी को स्टार के रूप में स्थापित किया।

मुंबई : वर्ष 1983 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘हिम्मतवाला’ का आधिकारिक रीमेक बनाने वाले निर्देशक साजिद खान का कहना है कि मूल ‘हिम्मतवाला’ ने ही श्रीदेवी को स्टार के रूप में स्थापित किया।
साजिद की ‘हिम्मतवाला’ आगामी शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। हिम्मतवाला में श्रीदेवी और जितेंद्र मुख्य भूमिका में थे जबकि इसकी रिमेक में अजय देवगन और तमन्ना अपने अभिनय का जादू बिखेरेंगे।
साजिद ने एक साक्षात्कार में कहा कि हिम्मतवाला’ के कारण ही श्रीदेवी स्टार बनीं। मुझे लगता है कि ‘हिम्मतवाला’ उनके लिए मुग़ल-ए-आज़म से कम नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैं निजी तौर पर श्रीदेवी से परिचित नहीं हूं इसलिए मैंने उनसे इस फिल्म के बारे में बात नहीं की लेकिन शूटिंग शुरू होने से दो दिन पहले मैंने जीतू जी से बात की थी। वह इस बात से बहुत खुश थे कि मैं फिल्म का निर्देशन कर रहा हूं।
साजिद ने कहा कि जीतू जी ने कहा कि मैं इस फिल्म के निर्देशन के लिए एकदम सही इंसान हूं। उनके अनुसार मैं इस विधा को अच्छी तरह समझता हूं। उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया । उन्होंने कहा कि हिम्मतवाला मेरी पांच सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरा नाम इस फिल्म से जुड़ा है। यह मूल फिल्म का ‘रीमेक’ नहीं बल्कि ‘रिराइट’ है। मेरे संस्करण में मूल फिल्म की सुगंध है लेकिन इसे प्रस्तुत करने का मेरा तरीका बिल्कुल अलग है।
साजिद ने कहा,‘ मैंने फिल्म के दृश्यों और चरित्रों में बदलाव किया है। मैंने जरूरत से थोड़ा ज्यादा अभिनय तथा मां और बेटे के बीच संवाद जैसे दृश्यों को फिल्म में शामिल किया है जो आधुनिक युवाओं को देखने को नहीं मिलते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ फिल्म में ‘सास बहू’ का ड्रामा भी है जो मैंने पहली बार किया है। मुझे विश्वास है कि 1983 की इस सुपरहिट फिल्म के निर्माता मेरी फिल्म को भी पंसद करेंगे।’
साजिद ने कहा कि वह बड़े पर्दे पर 80 के दशक का जादू फिर से पैदा करना चाहते थे और इसी लिए उन्होंने इस फिल्म को बनाने का निर्णय लिया। निर्देशक ने कहा, ‘ इस प्रकार की फिल्में केवल 80 के दशक में ही बनती थी जिनमें नायक की वीरता, रक्षक भाई, खलनायक को गुस्से में संवाद बोलने वाली मां जैसे दृश्य होते थे। ऐसी फिल्में कई वषरें से नहीं बनी। हम आजकल ऐसे दृश्य नहीं देखते। इसलिए मैंने इस फिल्म को बनाने का निर्णय लिया। ’ यह पूछने पर कि क्या दर्शक उस बीत चुके दौर की फिल्मों को पसंद सकेंगे, साजिद ने मजाकिया लहजे में जवाब दिया कि एकता कपूर ने मेलोड्रामा को अब भी जिंदा रखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ एकता कपूर का शुक्रिया जो उन्होंने मेलोड्रामा को अब भी जीवित रखा है। अंतर केवल इतना है कि यह अब फिल्मों से टेलीविज़न में स्थानांतरित हो गया है। मुझे लगता है कि यदि इसे ठीक से दिखाया जाए तो यह हमारी फिल्मों में भी काम करेगा।’ साजिद ने कहा, ‘ फिल्म कहानी कहने की कला है। आधुनिक महानतम जीवित निर्देशक राजकुमार हिरानी है। उनका कहानी कहने का तरीका बहुत सरल है। ’ (एजेंसी)

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