PPF vs NPS: इंवेस्टमेंट करना है तो चुनें सही प्लान, PPF और NPS में से कौनसा बरसाएगा ज्यादा पैसा?
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PPF vs NPS: इंवेस्टमेंट करना है तो चुनें सही प्लान, PPF और NPS में से कौनसा बरसाएगा ज्यादा पैसा?

PPF Account: एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति बचत योजना है जिसे अपने ग्राहकों को कामकाजी जीवन के दौरान उनके भविष्य के लिए योगदान देने के लिए डिजाइन किया गया है. वहीं पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) भारत सरकार के जरिए शुरू की गई एक दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति बचत योजना है.

पैसा

NPS Account: आजकल इंवेस्टमेंट (Investment) को काफी ज्यादा लोग तवज्जो देते हैं. आखिर महंगाई के इस दौर में महंगाई से निपटने के लिए इंवेस्टमेंट काफी ज्यादा मायने भी रखती है. हालांकि कई बार लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि किस इंवेस्टमेंट प्लान का चुनाव किया जाए. बेहतर रिटायरमेंट के लिए लोगों के मन में कई बार पीपीएफ (Public Provident Fund) में इंवेस्ट करने का मन करता है तो कुछ लोगों का मन एनपीएस (National Pension System) में इंवेस्ट करने का भी करता है. ऐसे में आज हम इन दोनों प्लान की तुलना कर इनमें अंतर आपको बताने वाले हैं, ताकी आप अपने हिसाब से बेस्ट प्लान का चुनाव कर सकें. आइए जानते हैं...

NPS or PPF

दरअसल, एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति बचत योजना है जिसे अपने ग्राहकों को कामकाजी जीवन के दौरान उनके भविष्य के लिए योगदान देने के लिए डिजाइन किया गया है. वहीं पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) भारत सरकार के जरिए शुरू की गई एक दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति बचत योजना है जो सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन प्रदान करती है. ऐसे में तुलना कर सकते हैं कि किसी प्लान से आपको ज्यादा बचत होगी.

NPS और PPF में अंतर
- पीपीएफ अधिक सुरक्षित और जोखिम मुक्त है क्योंकि यह सरकार के जरिए निर्धारित एक निश्चित रिटर्न योजना है जबकि एनपीएस एक निश्चित रिटर्न साधन नहीं है क्योंकि रिटर्न बाजार से जुड़ा हुआ है. 

- एनपीएस में सेवानिवृत्ति के बाद 60% वापस लिया जा सकता है और 40% वार्षिक वार्षिकी खरीदने के लिए उपयोग किया जाता है जबकि पीपीएफ में परिपक्वता राशि के संबंध में कोई सीमा नहीं है और लॉक इन अवधि 15 वर्ष है. 

- पीपीएफ एक अच्छा टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट (Tax Saving Investment) है क्योंकि ब्याज और परिपक्वता राशि पर कोई कर नहीं लगता है. यह आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती प्रदान करता है लेकिन धारा 80सीसीडी के तहत एनपीएस के मामले में कुल 2 लाख रुपये तक का लाभ है. 

- एक और अंतर यह है कि एनआरआई एनपीएस स्कीम में निवेश कर सकते हैं लेकिन पीपीएफ में नहीं कर सकते.

- पीपीएफ खाते में यूनतम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का योगदान किया जा सकता है जबकि एनपीएस में कुल योगदान वेतनभोगियों के लिए 10% और स्वरोजगार के लिए 20% हो सकता है. 

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