CM फडणवीस ने दिखाया दम, उद्धव के सिर पर फूटा 'बम'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी के खातिर सियासी ड्रामा का हर रूप देखने को मिला. शिवसेना ने अपने उस साथी के पीठ पर खंजर घोंप दिया, जिसे बाला साहब ठाकरे ने ढेर सारी नक्काशी से संवारा था. लेकिन भाजपा के फडणवीस ने उद्धव से जिस अंदाज में बदला लिया, उससे पूरा का पूरा विरोधी खेमा सदमे में आ गया है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Nov 23, 2019, 02:11 PM IST
    1. महाराष्ट्र की राजनीति में अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर
    2. देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के धोखे का लिया बदला
    3. उद्धव ठाकरे के सपनों पर फिर गया पानी
CM फडणवीस ने दिखाया दम, उद्धव के सिर पर फूटा 'बम'

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के सियासत में जो कुछ हुआ वो मौजूदा दौर में सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेर की गवाही दे रहा है. कहां कल देर शाम तक जो एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के साथ बैठकर नई सरकार बनाने का फॉर्मूला बना रही थी, वहीं एनसीपी आज बीजेपी को समर्थन देकर सरकार में शामिल हो गई. देवेंद्र फडणवीस की बतौर मुख्यमंत्री एक बार फिर ताजपोशी हो गई है.

रात भर चला खेल, सुबह-सुबह शिवसेना हुई फेल

पूरा खेल रात भर चला और सुबह-सुबह एक बार फिर महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार की वापसी हो गई. यानी बाला साहब ठाकरे से किया वादा निभाने का राग अलापने वाली शिवसेना फेल हो गई. लेकिन ये सब इतना अविश्वसनीय था कि किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी. 

फडणवीस ने दिखाया दम, मातोश्री में फूटा 'बम'

भारतीय जनता पार्टी के चमकते सितारों में से एक देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक फलक पर एक खास पहचान बनाई है. केवल 49 साल की उम्र में शिवसेना को चारों खाने चित्त करते हुए फडणवीस ने दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही देवेंद्र फडणवीस अपने कार्यकर्ताओं को समझाते रहे कि सरकार बीजेपी की ही बनेगी और उन्होंने ये सच कर दिखाया. मातोश्री में शिवसेना का सीएम बनाने पर चर्चा होती रही. इतने में फडणवीस के दम से शिवसेना के सपनों पर बम फूट गया है. उसका ख्वाब पूरी तरह से तबाह हो गया.

फडणवीस की कुशलता का कोई जवाब नहीं

देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र विधानसभा में नागपुर दक्षिण पश्चिम से विधायक हैं. फडणवीस नागपुर नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं. ये शख्स (देवेंद्र फडणवीस) महाराष्ट्र की राजनीति का वो नाम है जिसने अपने पिता से राजनीतिक विरासत मिलने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाई है. फडणवीस ब्राह्मण परिवार से तालुक रखते हैं और उनके पिता गंगाधर राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ में रहे. फडणवीस के पिता राज्य विधान परिषद के सदस्य भी रहे. देवेंद्र फडणवीस के पास लॉ की डिग्री है. इसके अलावा उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. अपने मैनेजमेंट की पढ़ाई का गुण वो महाराष्ट्र की राजनीति में लागू कर रहे हैं और सियासी उठापटक को इस कदर मैनेज किया कि हर किसी के होश फाख्ता हो गए. देवेंद्र फडणवीस ने कई मौकों पर अपनी सियासी कुशलता साबित की है.

जमीनी स्तर पर काम करके हासिल किया ये मुकाम

फडणवीस अपने कॉलेज के दिनों में एबीवीपी के एक सक्रिय सदस्य थे. एबीवीपी के कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काफी काम किया. देवेंद्र फडणवीस ने 2006 में अमृता रानाडे से शादी की. वो एक बेटी के पिता भी हैं. महाराष्ट्र भाजपा का अध्यक्ष और महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहते हुए फडणवीस ने संगठन और प्रशासन दोनों ही जगह फडणवीस ने अपनी छाप छोड़ी है. यही वजह है कि देवेंद्र फडणवीस पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के चहेते हैं. इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए फडणवीस की नीति, कुशलता और उनका परिश्रम काफी मददगार रहा है.

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मुंबई में राजभवन में सुबह 8 बजे के आसपास शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. फडणवीस के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को ही आ गए थे लेकिन एक महीने बाद अब जाकर सरकार बन पाई है. पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर उठापटक चल रही थी.

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