भारत का रात में मिसाइल परीक्षण कहीं दुश्मन सेना के लिए चेतावनी तो नहीं !

सैन्य शक्ति बनने के लिए भारत क्या कुछ नहीं कर रहा है. भारत ने हाल ही में दो मिसाइल परीक्षण किए. दोनों मिसाइल परीक्षणों को रात में ही क्यों किया गया और इससे दुश्मन सेना को कितना डरना चाहिए, सवाल यह उठता है. रात में किए गए मिसाइल परीक्षण के इन फायदों पर शायद भारत की नजर है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 23, 2019, 05:07 PM IST
    • बालासोर में अग्नि-2 का परीक्षण रात में ही हुआ
    • पृथ्वी-2 के बाद और मिसाइल परीक्षण हैं कतार में
    • दुश्मनों के दांत खट्टे कर सकता है रात्रि परीक्षण
भारत का रात में मिसाइल परीक्षण कहीं दुश्मन सेना के लिए चेतावनी तो नहीं !

नई दिल्ली: 21वीं शताब्दी में विश्व के सभी देशों में सैन्य ताकत बनने की होड़ लगी हुआ है. 20वीं शताब्दी में अमेरिका ने जिस तरह से आर्थिक और सैनिक ताकत को विशाल रूप से बढ़ाकर एक संपूर्ण ताकत बनने का नजारा पेश किया, उससे कोई अनजान नहीं. अब ऐसा माना जा रहा है कि 21वीं शताब्दी भारत की है. इस सदी में न सिर्फ आर्थिक स्तर पर बल्कि सैन्य ताकत में भी भारत कुछ बड़ा करेगा. ऐसा लगने भी लगा है. भारत हाल ही में रात के समय में मिसाइल परीक्षण पर विशेष काम कर रहा है. पिछले एक सप्ताह में भारत ने दो मिसाइल टेस्ट किए और दोनों ही रात के समय में किए गए. अग्नि-2 और पृथ्वी-2 दोनों ही लंबी दूरी की मार करने वाली मिसाइलें हैं जिनका परीक्षण रात में किया गया. 

बालासोर में अग्नि-2 का परीक्षण रात में ही हुआ

अग्नि-2 का परीक्षण ओडिशा के बालासोर में रात में ही किया गया. इस मिसाइल की मारक क्षमता 2000 किमी. है जिसे बढ़ा कर 3000 किमी. तक की जा सकती है. यह एक बैलिस्टिक मिसाइल है. अग्नि-2 की खास बात है कि यह मिसाइल 1 टन तक वॉरहेड यानी युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम है और जमीन से जमीन तक मार करने वाला अत्याधुनिक तकनीक का इंटिग्रेटेड मिसाइल है. यह सॉलिड फ्यूल से चलित मिसाइल है जिसकी लंबाई 20 मीटर है और इस मिसाइल में सटीक निशाने पर वार करने के लिए उच्च विशुद्ध नेविगेशन सिस्टम का प्रयोग किया गया है. 

पृथ्वी-2 के बाद और मिसाइल परीक्षण हैं कतार में

दूसरा मिसाइल पृथ्वी-2 है जिसका परीक्षण 20 नवंबर को किया गया. यह मध्यम रेंज की सतह से सतह तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका परीक्षण भी रात में ही किया गया. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है और तकरीबन 350 किमी. तक वार कर सकती है. इसे भी ओडिशा से ही लेकिन चांदीपुर में परीक्षण किया गया. इसके अलावा भारत और भी कई मिसाइलों के परीक्षण की तैयारी में जुटा हुआ है. भारत नवंबर महीन के शुरुआती दिनों में पनडुब्बी से 3500 किमी. की दूरी तक टारगेट तक मार गिराने वाले मिसाइल K-4 का परीक्षण करने की तैयारी में है. 

दुश्मनों के दांत खट्टे कर सकता है रात्रि परीक्षण

अब सवाल यह उठता है कि रात में मिसाइल परीक्षणों के फायदे क्या हैं ? दरअसल, युद्ध के वक्त ज्यादातर हमले रात में किए जाते हैं. दुश्मन को नुकसान पहुंचाने के लिए रात में किए गए मिसाइलों के हमले सुबह तक उसकी कमर तोड़ देंगे. अमेरिका सहित विश्व के सभी सैनिक ताकतें रात में मिसाइल परीक्षण की तकनीक में पहले ही पारंगत हासिल कर चुके हैं. रात में मिसाइल परीक्षण करना मुश्किल होता है. उस वक्त हवा का दबाव काफी कम होता है. हालांकि, यह तो हुए तकनीकी कारण. लेकिन कुछ डिप्लोमैटिक कारण ऐसे भी हैं जो यह दर्शाते हैं कि रात में मिसाइल परीक्षण कर भारत अपने प्रतिद्वंदी देशों को कुछ संकेत दे रहा है. हाल ही में पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और जवाबी हवाई कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचाया. 

आने वाले दिनों में भारत और भी मिसाइल परीक्षण की तैयारी में लगा हुआ है. तटीय इलाकों में सैनिक शक्ति बढ़ाने की कवायद में जुटा भारत अब अत्याधुनिक तकनीकों से दुश्मन सेना के लिए मुसीबत बन सकता है. 

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