पर्यावरण बचाएगा या नष्ट करेगा आरे कॉलोनी पर उद्धव ठाकरे का फैसला?

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला लेते हुए आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है. इसका काफी समय से विरोध चल रहा था. इस मामले में अदालत में भी सुनवाई हो रही थी.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 29, 2019, 07:41 PM IST
    • उद्धव ठाकरे सरकार का फैसला
    • आरे कॉलोनी मेट्रो शेड के लिए नही काटे जाएंगे पेड़
    • कितना दूरदर्शी है ये फैसला
पर्यावरण बचाएगा या नष्ट करेगा आरे कॉलोनी पर उद्धव ठाकरे का फैसला?

मुंबई: नवगठित उद्धव सरकार ने मुंबई के चर्चित आरे मेट्रो कार शेड प्रॉजेक्ट पर रोक लगा दी है. उद्धव सरकार ने आदेश दिया है कि अगले नोटिस तक आरे कॉलोनी में कोई भी पेड़ ना काटा जाए. अपनी सरकार की दूसरी बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मीडिया के सामने कहा कि 'मैंने आज अधिकारियों को आरे मेट्रो कार शेड प्रॉजेक्ट का काम रोकने का आदेश दिया है.  फिलहाल मेट्रो के काम पर कोई रोक नहीं है, लेकिन सरकार के अगले आदेश तक आरे में एक भी पत्ता नहीं काटा जाएगा.'

अदालत में था मामला 

आरे कॉलोनी पेड़ों की कटाई को रोकने वाले एक आदेश की अवधि को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया था. 16 नवंबर को अपनी एक सुनवाई में कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने फैसले की अवधि को बढ़ाते हुए अगले महीने तक के लिए टाल दिया था. 


इसके बाद पर्यावरणविदों ने राजनीतिक दलों से मांग की थी कि वह अपने घोषणापत्र में आरे कॉलोनी के मुद्दे को शामिल करें. उनकी दलील थी कि मुंबई जैसे कंक्रीट के जंगल वाले शहर में आरे कॉलोनी जंगल के बड़े ग्रीन पैच की वजह से वातावरण शुद्ध बना रहता है.

क्या है आरे कॉलोनी मेट्रो शेड विवाद
मुंबई में मेट्रो के विस्तार का काम चल रहा है. 2014 में शुरू हुए मेट्रो प्रोजेक्ट का पहला फेज वर्सोवा से लेकर घाटकोपर तक पूरा हो चुका है. इसके विस्तार के बाद मेट्रो को पार्किंग शेड की जरूरत पड़ी. जिसके लिए आरे कॉलोनी के एक छोटे हिस्से का चुनाव किया गया. 

मेट्रो शेड बनाने के लिए इस साल अगस्त में बीएमसी के सामने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने एक प्रस्ताव रखा. जिसमें कहा गया कि मेट्रो शेड निर्माण के लिए आरे कॉलोनी के कुछ पेड़ों को काटे जाने की जरूरत है. एक हफ्ता पहले बीएमसी ने पेड़ों को काटे जाने की मंजूरी दे दी. मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रस्ताव के मुताबिक कुल 2702 पेड़ों में से 2,238 पेड़ों को काटा जाना था और बाकी को यहां से ट्रांसफर किया जाना था.

जैसे ही इस फैसले के बारे में पर्यावरण प्रेमी लोगों को पता चला उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. 

आरे कॉलोनी के पेड़ों की बलि से आखिरकार पर्यावरण को ही फायदा
आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वह पेड़ों को काटने का नहीं बल्कि मुंबई मेट्रो विस्तार योजना का विरोध कर रहे हैं. जो कि पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद जरुरी है. 

क्योंकि मुंबई मेट्रो की लाइन-3 में 2021 से दैनिक 13.9 लाख यात्री सवार होंगे. जिसकी वजह से मुंबई की सड़कों पर प्रति दिन 6.65 लाख कम गाड़ियां उतरेंगी. इसके कारण हर रोज 3.54 लाख लीटर डीजल पेट्रोल बचेगा और हर साल 2.61 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा. यानी पर्यावरण में कम जहर घुलेगा.

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