इंटरनेट का सहारा लेकर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों पर शिकंजा कसने के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं. जिसमें यूपी की राजधानी लखनऊ भी शामिल है.
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर उपद्रवी लगातार तांडव मचा रहे हैं. कहीं पथराव किया जा रहा है तो कहीं आगजनी हो रही है. देश को जलाने की भयानक साजिश रची जा रही है. जिसके चलते यूपी के कई जिलों में अब भी एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद रखी गई है.
उन्मादियों की भीड़ पुलिस को लगातार निशाना भी बना रही है. नागरिकता कानून पर अफवाह और भ्रम को हवा देने में इंटरनेट का बड़ा योगदान है. भ्रम वाले मैसेज मोबाइल से वायरल किए जा रहे हैं. इसे देखते हुए एहतियातन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आज भी इंटरनेट सेवा बंद रखी गई है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई हिंसा को देखते हुए मोबाइल इंटरनेट सेवा को 23 दिसंबर तक के लिए बंद रखा गया है. आगरा में जिला प्रशासन की तरफ से आज शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद करवाई गई है. जिस संभल में हिंसा हुई थी वहां अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं.
उत्तर प्रदेश के मऊ में भी जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद करवा दी है. मुजफ्फरनगर में भी एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद करवा दी गई है और यहां मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हो रहा हैय फिरोजाबाद में भी जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा रुकवा दी है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सहरानपुर में भी इंटरनेट सेवा अभी बंद रखी गई है. प्रयागराज में भी जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद रखने का फरमान सुनाया है. कल हुई जबर्दस्त हिंसा को देखते हुए रामपुर में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा को अगले आदेश तक बंद रखा गया है.
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इसके अलावा कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. जिनमें वाराणसी, उन्नाव और शाहजहांपुर शामिल हैं. इंटरनेट सेवा बंद किए जाने से जनजीवन पर बुरा असर तो पड़ता है लेकिन अफवाहों की वजह से हो रही हिंसा को देखते हुए ऐसा करना जरूरी भी है.