मोदी के 'मन की बात': देश के युवा को अराजकता पसंद नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'मन की बात' के 61 वें संस्करण में कहा कि देश के युवा को अराजकता और उपद्रव बिल्कुल पसंद नहीं है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2020, 06:44 PM IST
    • मोदी के 'मन की बात'
    • साल 2020 में पहली मन की बात
    • खेलो इंडिया के लिये असम का किया धन्यवाद
    • जल संरक्षण करना बहुत जरूरी- मोदी
मोदी के 'मन की बात': देश के युवा को अराजकता पसंद नहीं

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित किया. गणतंत्र दिवस समारोह की वजह से इस रविवार प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम के समय में बदलाव किया गया था. यह प्रधानमंत्री मोदी का 61वां 'मन की बात' कार्यक्रम है. इसमें उन्होंने देश के मजबूत लोकतंत्र और इसकी महान विरासत पर भी चर्चा की.

साल 2020 में पहली मन की बात

साल 2020 का यह पहला मन की बात प्रोग्राम है जिसे गणतंत्र दिवस के दिन सुना जा सकेगा. अमूमन मन की बात कार्यक्रम दिन के 11 बजे ब्रॉडकास्ट होता है लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के चलते इसे शाम में आयोजित किया जा रहा है. बता दें कि यह कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के सभी नेटवर्क पर ब्रॉडकास्ट किया जाता है. यह नरेंद्र मोदी ऐप पर भी उपलब्ध है.

खेलो इंडिया के लिये असम का किया धन्यवाद

पीएम मोदी ने कहा कि मैं असम की सरकार और असम के लोगों को खेलो इंडिया की शानदार मेजबानी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इसके तहत 80 रिकॉर्ड टूटे,  जिसमें से 56 रिकॉर्ड तोड़ने का काम हमारी बेटियों ने किया है.

जल संरक्षण करना बहुत जरूरी- मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने जल सरंक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि जल जीवन के लिये सबसे महत्वपूर्ण है. वर्षा के जल का संरक्षण करके किसान अपनी फसल की सिंचाई में उसके प्रयोग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज जल संरक्षण के क्षेत्र में जनभागीदारी बेहद असरदार साबित हो रही है। सैकड़ों लोगों ने तालाबों और बावड़‍ियां लोगों ने पुनर्जीवित की है.

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'युवा पीढ़ी को अराजकता पसंद नहीं' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले 29 दिसंबर को मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित किया था. उनका पिछला कार्यक्रम साल 2019 का अंतिम था. पिछले साल की आखिरी कड़ी में उन्होंने कहा था कि आज की युवा पीढ़ी अजराकता और कुनबापरस्ती को पसंद नहीं करती. प्रधानमंत्री ने यह बात सीएए और एनआरसी को लेकर हालिया विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में कही थी.

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