शरद पवार से डरकर उद्धव ने ले लिया 'यू-टर्न'! लेकिन, ऐसे कब तक चलेगी सरकार?

भीमा-कोरेगांव मामले की जांच पर महाराष्ट्र में खींचतान तेज होने के आसार दिखने लगे हैं. शरद पवार के दबाव के बाद महाराष्ट्र के सीएम ने हफ्ते भर में यू-टर्न मार लिया है. उद्धव ठाकरे बोले, यलगार परिषद की जांच केंद्र को सौंपी गई, भीमा कोरेगांव हिंसा केस की नहीं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 18, 2020, 06:34 PM IST
    1. उद्धव ठाकरे को शरद पवार से डर लगता है
    2. पवार से डरकर उद्धव ने मार ली पलटी
    3. भीमा कोरेगांव मामले पर उद्धव का यू-टर्न
    4. NPR पर भी शिवसेना-NCP की राह अलग
शरद पवार से डरकर उद्धव ने ले लिया 'यू-टर्न'! लेकिन, ऐसे कब तक चलेगी सरकार?

मुंबई: भीमा कोरेगांव केस की NIA जांच पर शरद पवार की आपत्ति के बाद महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. उद्धव सरकार ने सफाई दी है कि सिर्फ यलगार परिषद का केस ही NIA को सौंपा गया है. भीमा कोरेगांव हिंसा केस को केंद्र के हवाले नहीं किया जाएगा.

उद्धव को शरद पवार से लगता है डर?

महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के लिए गले की हड्डी बने भीमा कोरेगांव केस पर शरद पवार का दवाब काम कर गया है. केंद्रीय एजेंसी NIA को जांच सौंपे जाने से नाराज शरद पवार को मनाने की कोशिश के तहत अब उद्धव ठाकरे ने सफाई दी है कि भीमा कोरेगांव हिंसा केस की जांच NIA को नहीं दी जाएगी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि "यलगार परिषद और भीमा कोरेगांव दोनों अलग-अलग विषय है. दलित भाइयों से संबंधित जो मामला वह भीमा कोरेगांव केस है. भीमा कोरेगांव से संबंधित जांच अभी तक केंद्र को नहीं दी गई है और इसे केंद्र को सौंपा भी नहीं जाएगा."

हफ्ते भर में उद्धव ठाकरे ने मारी पलटी

हफ्ते भर पहले उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री का फैसला पलटते हुए भीमा कोरगांव से जुड़े मामले की जांच NIA को सौंपने का ऐलान किया था. जबकि शरद पवार ये चाहते हैं कि SIT इसकी जांच करे.

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एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि "इस पूरे मामले में पुलिस की जांच की जानी चाहिए और उसी की मांग करते हुए हम SIT के तहत जांच करने की बात कर रहे हैं और मामले की जांच में जो सबूत दिए गए उसमें क्या सत्य है?"

NPR पर शिवसेना और NCP की अलग-अलग 'राह'

नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर भी शिवसेना और एनसीपी का रुख अलग-अलग है. पवार अब ये कह रहे हैं वो सीएम को समझाएंगे. शरद पवार का कहना है कि CAA पर उद्धव ठाकरे के अपने विचार हैं, जहां तक एनसीपी का सवाल है, हमने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ वोट किया था.

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महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के दलों में बड़े मुद्दों पर मतभेद से गठबंधन सरकार में खींचतान तेज हो सकती है. ऐसे ही चलता रहा तो ये कहना गलत नहीं होगा कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएगी.

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