बेहद खतरनाक था दिल्ली में हुआ दंगा, धर्म पूछ कर लोगों को मारा गया
Advertisement

बेहद खतरनाक था दिल्ली में हुआ दंगा, धर्म पूछ कर लोगों को मारा गया

दिल्ली में हुई हिंसा सीधे तौर पर दंगा ही थी. इसके लिए दंगाइयों ने हर तरह की तैयारी कर रखी थी. सामने आया है कि दंगाइयों ने धर्म पूछ-पूछ कर लोगों पर हमला किया. कई पत्रकार भी उनकी इस अराजकता का शिकार हुए हैं. 

बेहद खतरनाक था दिल्ली में हुआ दंगा, धर्म पूछ कर लोगों को मारा गया

नई दिल्लीः रविवार को भले ही दिल्ली में शुरू हुई हिंसा नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के तौर पर शुरू हुई हो, लेकिन कई पहलू साफ तौर पर यह तथ्य सामने रखते हैं कि यह कभी प्रदर्शन था ही नहीं, बल्कि शुरुआत से ही साजिश थी कि दिल्ली को दंगों की आग में झोंका जाए. इसके लिए हर तरीके से तैयारी की गई थी.

पूरा मामला सुनियजित था और सब कुछ सारा घटनाक्रम वैसा ही बीता, जैसा कि बलवाइयों ने सोच रखा था. पत्थर बाजी तो हो ही रही थी, कई लोग खुलेआम तमंचे लहरा रहा रहे थे. इसके साथ ही हमलावर लोगों से उनका धर्म पूछ-पूछ कर हमला कर रहे थे. कई पत्रकार भी ऐसे ही चपेट में आए हैं. 

पत्रकारों पर धर्म पूछ कर किया हमला
मंगलवार को दिल्ली के बिगड़े हालात की रिपोर्टिंग करने अलग-अलग चैनलों के रिपोर्टर पहुंचे हुए थे. उनके साथ कैमरा मैन थे. पहले वह काफी दूर से स्थिति को कवर करते रहे, इसके बाद जरूरत पड़ने पर घटनास्थल पर भी पहुंचे. मंगलवार को चांदबाग, मौजपुर, जाफराबाद एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन के एरिया में सुबह से शाम तक 7 पत्रकार घायल हुए. बताया गया कि दंगाई पत्रकारों को धार्मिक आधार पर टार्गेट बना रहे थे. 

हर तरह के हथियार थे पास
दंगाई युवकों ने अराजकता फैलाने व मारपीट के लिए हर तरह के हथियार ले रखे थे. इनमें बाइक-कार के शॉकर, तलवार, बल्लम, चाकू, तमंचे व गुलेल शामिल थे. यानी हर एक वह चीद उनके पास थी, जिससे किसी को चोट पहुंच सकती थी. 

मुस्लिम इलाके में हिंदुओं पर हमला
पत्रकारों व आम नागरिकों पर बकायदे हमला करने के लिए धर्म की आड़ ली जा रही थी. कई पत्रकारों से पूछा गया कि कौन से पेपर या चैनल में काम करते हैं, नाम बताएं. आलम यह था कि हिंदु इलाके में मुस्लिमों और मुस्लिम इलाकों में हिंदुओं पर अत्याचर किया जा रहा था. 

दिल्ली हिंसाः अफसोस- प्रदर्शन के नाम पर 'आतंकियों' ने 18 लोगों का खून बहा दिया

ये पत्रकार हुए हैं घायल
एनडीटीवी के पत्रकार अरविंद गुणशेखर को एक भीड़ ने घेर लिया और उनके चेहरे पर मारा. अरविंद का दांत टूट गया है. इसी बीच एनडीटीवी के ही पत्रकार सहयोगी सौरभ शुक्ला ने उन्हें बचाया. उनके पीठ पर घूंसे भी मारे गए. किसी तरह वे दोनों वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे. एनडीटीवी की ही रिपोर्टर मरियम अलवी भी भीड़ की हिंसा शिकार हुईं. उनके साथ के कैमरापर्सन सुशील राठी भी घायल हुए.

पत्रकार को लगी गोलीः  24*7 न्यूज के संवाददाता आकाशा नापा को कवरेज के दौरान गोली लगी है. वह गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती हैं. कई पत्रकारों को मौके पर धर्म अलग होने के कारण धमकाया भी गया है. 

 

Trending news