लुधियानाः महज 13 साल की नन्हीं उम्र और काम इतने बड़े-बड़े की नम्या ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ को अपना मुरीद बना लिया. नडेला ने जमकर नम्या की तारीफ की और कहा इस बच्ची ने मुझे काफी प्रेरित व प्रभावित किया. वह यहां तक बोल गए कि मन करता है कि मैं दोबारा से मिडिल स्कूल में जाकर पढ़ूं.
मौका था दिल्ली में आयोजित हुए यूथ इनोवेटर समिट का, जिसमें सत्या नडेला ने देश भर के मेधावी छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, प्रिंसिपल, अलग-अलग ऑर्गेनाइजेशन के लीडर व सीईओ से मुलाकात की. नम्या ने सत्या नडेला से मुलाकात को गौरवपूर्ण क्षण बताया है.
क्यों हुई नम्या की तारीफ
समिट में सत्य नडेला ने देश के तीन विद्यार्थियों के साथ मुलाकात की, इनमें दुगरी स्थित सतपाल मित्तल स्कूल की 7वीं कक्षा की तेरह वर्षीय छात्रा नाम्या भी शामिल थी. नाम्या ने सत्य नडेला के सामने फन के साथ टेक्नोलॉजी को सीखने की कला बताई. बच्ची ने इनोवेशन में माइन क्राफ्ट के जरिए पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए हर सब्जेक्ट में गेम्स से जोड़कर लेसन बनाए.
I was energized to meet so many young innovators in India this week, including Namya Joshi who is training teachers around the world on how to use Minecraft as a learning tool. Their empathy, passion and ingenuity will change our world for the better. https://t.co/iF2GxUGkSq
— Satya Nadella (@satyanadella) February 26, 2020
इससे विद्यार्थी सब्जेक्ट को आसानी से समझ सकें. नाम्या ने आर्ट्स, कंप्यूटर, हिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी में लेसन तैयार किए हैं. इसके अलावा वर्चुअल लाइब्रेरी भी बनाई है.
पहले भी कर चुके हैं तारीफ
इंटरेक्टिव सेशन के दौरान सत्य नडेला ने कहा कि टेक्नोलॉजी और लर्निग के बीच संबंधों पर फिर से विचार करने की जरूरत है. उनका कहना था कि मुझे नाम्या ने बेहद इंस्पायर किया है और चाहता हूं कि मैं दोबारा से मिडिल स्कूल में जाकर पढ़ना शुरू करूं. नाम्या ने अलग हटकर न सिर्फ खुद सीखा, बल्कि सीखने के बाद दूसरों को भी सिखा रही हैं.
इससे पहले 25 फरवरी को बेंगलुरू में हुए फ्यूचर डिकोडेड सीईओ सम्मेलन में भी सत्य नडेला ने अपने डेवलपर्स के समक्ष के नाम्या जोशी की जमकर तारीफ की थी.
मिलिए होनहार बच्ची के माता-पिता से
बीआरएस नगर की रहने वाली नाम्या के पिता कुनाल जोशी आइटी प्रोफेशनल हैं, जबकि मां मोनिका जोशी सतपाल मित्तल स्कूल में आइटी डिपार्टमेंट की हेड हैं. बेटी की उपलब्धि पर गौरव महसूस करते हुए मां मोनिका व पिता कुणाल ने कहा कि नाम्या बचपन से ही बेहद क्रिएटिव रही है. हमेशा कुछ नया करती रही है. सेल्फ लर्नर है.
नाम्या का मानना है कि एक जब दस को सिखाता है, तो वह दस लोग अपने आगे और दूसरे सौ लोगों को सिखाते हैं. अगर हर कोई ज्यादा से ज्यादा लोगों को सिखाएगा तो देश में कोई भी अशिक्षित नहीं रहेगा.
हम मैंग्रोव नहीं काट रहे बल्कि अपनी कब्रें खोद रहे हैं
जुलाई में यूएसए करेगा सम्मानित
छोटी उम्र में ही नाम्या के नाम कई उपलब्धियां हैं. यूनेस्को की तरफ से वर्ष 2019 में ऑन लाइन कंपीटिशन कराया गया था, जिसमें नाम्या ने वर्चुअल लाइब्रेरी बनाकर भेजी थी. नाम्या को कंपीटिशन में पहला प्राइज आया. जुलाई 2020 में नाम्या इस कंपीटिशन को लेकर यूएसए में आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने जाएंगी.
जहां उसे सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा नवंबर में फिनलैंड में केईओएस 2019 इवेंट में स्पीकर के तौर पर नाम्या को बुलाया गया था. इसमें नाम्या ने फिनलैंड के टीचर, प्रोफेसर को इंग्लिश लिट्रेचर और हिस्ट्री को माइंड क्राफ्ट की मदद से रोचक बनाने के बारे में बताया. पिछले साल नवंबर में रैक्स कर्मवीर चक्र अवार्ड भी नाम्या को मिल चुका है. यह अवार्ड रैक्स फाउंडेशन ने दिया था.