नई दिल्लीः कोरोना के कहर ने विश्व भर के खेल आयोजनों और अभियानों को थाम कर रख दिया है. इसी डर के साए में ओलंपिक की मशाल भी जली थी, लेकिन लगातार इसके बढ़ते कहर को देखते हुए इस बार के ओलंपिक को स्थगित करने की बात कही जा रही है. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि दुनिया के सबसे बड़े खेलों के महाकुंभ के विषय में क्या निर्णय लिया जाएगा. कोरोना महामारी के बीच अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने स्पष्ट किया है कि टोक्यो ओलंपिक का आयोजन तय समय से होगा.
WHO की सलाह पर करेंगे अमल
थॉमस बाक ने कहा कि आईओसी अपने कार्यबल और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर अमल करेगी. टोक्यो ओलंपिक गेम्स 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होंगे. आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा कि खेलों को रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा, ‘हम अलग-अलग परिदृश्यों पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी ओलंपिक में साढ़े चार महीने बाकी हैं.
अभी खेलों को स्थगित करना जल्दबाजी होगी. अभी तक तो हमें कार्यबल से कोई सुझाव मिला भी नहीं है.’
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वित्तीय हित नहीं स्वास्थ्य सर्वोपरि
थॉमस बाक हालांकि पहले ही कह चुके हैं कि स्वास्थ्य सर्वोपरि है और आईओसी वित्तीय हितों को ध्यान में रखकर कोई फैसला नहीं लेगी. उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि यह कितना लंबा चलेगा, लेकिन हम चाहते हैं कि इस सुरंग के आखिरी छोर पर ओलंपिक मशाल की रोशनी हो.’ कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मरने वालों की संख्या बढ़कर शुक्रवार को 10,030 हो गई है. जबकि कन्फर्म मामलों की कुल संख्या 244,523 हो गई है.
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पहले भी रद्द हुए हैं ओलंपिक खेल
इतिहास में पहली बार 1916 में ओलिंपिक रद्द हुए थे. प्रथम विश्व युद्ध के कारण इस ओलंपिक को रद्द करना पड़ा था. 1940 में 21 सितंबर से 6 अक्टूबर तक टोक्यो में 12वें ओलिंपिक का आयोजन होना था, मगर इसके बाद इसे पुननिर्धारित करके 20 जुलाई से 4 अगस्त के बीच फिनलैंड में आयोजित करवाने का फैसला लिया गया, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के कारण आखिरकार इस ओलिंपिक को रद्द ही करना पड़ा.
ओलंपिक के 13वें सीजन की मेजबानी लंदन को मिली थी, मगर दूसरे विश्व युद्ध के चलते यह ओलंपिक भी रद्द हो गए थे. अगर इस बार भी यह खेल रद्द होते हैं तो चौथी बार और किसी महामारी के कारण पहली बार रद्द होगा.