अपने कोरोना फाइटर्स की सुनो इमरान, "क्यों तबाह करना चाहते हो पाकिस्तान?"

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान रमज़ान के महीने में मस्जिदें खोलने की ज़िद पर अड़ गए हैं. लेकिन उनके इस फैसले पर पाकिस्तान के डॉक्टरों ने हल्ला बोल दिया है. इमरान के फैसले को कोरोना से तबाही लाने वाला फैसला करार दिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 25, 2020, 05:57 AM IST
    • पाकिस्तान को क्यों तबाह करना चाहते हो इमरान
    • अपने मुल्क के कोरोना फाइटर्स की सुनो नियाजी
    • पाकिस्तान में बढ़ेंगे कोरोना संक्रमण के मामले
    • रमज़ान पर लापरवाह पाकिस्तान की ये कैसी सफाई?
अपने कोरोना फाइटर्स की सुनो इमरान, "क्यों तबाह करना चाहते हो पाकिस्तान?"

नई दिल्ली: इमरान खान नियाज़ी को पूरी दुनिया इस वक्त यही सलाह दे रही है कि इमरान साहब, आपका ये फैसला पाकिस्तान पर भारी पड़ सकता है. रमज़ान के महीने में मस्जिदें खोले रखने से आपके देश में कोरोना का विस्फोट हो सकता है. ये चिंता सिर्फ पूरी दुनिया को ही नहीं, बल्कि खुग पाकिस्तान के अपने डॉक्टरों को सताने लगी है. और उन्होंने आपके इस फैसले को अफसोसनाक करार दिया है.

अपने कोरोना फाइटर्स की सुनो इमरान

पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर क़ासिर सज्जाद ने साफ-साफ कहा है, "दुर्भाग्य से हमारे शासकों ने गलत निर्णय लिया है, हमारे मौलवियों ने एक गैर-गंभीर रवैया दिखाया है. उन्होंने, मानव जीवन के साथ खेलने का एक दृष्टिकोण दिखाया है. जैसे मौलवी हमें इस्लाम के बारे में और धार्मिक दृष्टिकोण के बारे में मार्गदर्शन करते हैं, वैसे ही यह युद्ध अब कोरोनो वायरस और मेडिकल स्टाफ के बीच है. सभी को यह समझने की जरूरत है."

इमरान के इस फैसले के बाद पाकिस्तान के डॉक्टरों को लगने लगा है कि इससे पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों के मामले तेज़ी से बढ़ेंगे, और पाकिस्तान में हालात बदतर हो जाएंगे.

पाकिस्तान में बढ़ेंगे संक्रमण के मामले

डॉक्टर क़ासिर सज्जाद ने ये भी कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोई भी मस्जिद जो एसओपी का पालन नहीं करती है, उन्हें बंद कर दिया जाएगा. श्रीमान प्रधानमंत्री, महोदय, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. जब आप एक हफ्ते या दस दिनों के बाद यह महसूस करेंगे, तो बहुत सारे लोग होंगे. अस्पताल के बेड की खोज, कई (अस्पतालों) वेंटिलेटर की समस्या हो रही है"

पाकिस्तान के डॉक्टरों ने इमरान सरकार को बाकायदा चिट्ठी लिखकर मस्जिदें ना खोलने की अपील की थी, इमरान तब भी नहीं माने, मजबूरन डॉक्टरों को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी. लेकिन इमरान सरकार इसके बाद भी कट्टरपंथी मौलानाओं और इमामों के दबाव में आकर चुप है.

पाकिस्तान की ये कैसी सफाई?

जबकि, दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण को देखते हुए मक्का और मदीना में नमाज पढ़ने और उमरा पर रोक लगा दी गई है. दोनों पवित्र स्थलों को पूरे रमजान माह के लिए बंद कर दिया गया है. लेकिन ये सच्चाई जानकर भी इमरान की आंखें  बंद हैं.

इमरान यही राग अलाप रहे हैं कि पाकिस्तान एक आज़ाद मुल्क है, और किसी को मस्जिदों में इबादत से नहीं रोक सकते. हालांकि, मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने पर इमरान सरकार ने कुछ शर्तें ज़रूर लगाई हैं, लेकिन वो कौन कितना मानेगा, ये सब जानते हैं.

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इसीलिए ये सवाल और बड़ा हो गया है कि क्या पाकिस्तान में कोरोना से हालात भयानक होने वाले हैं? क्या रमजान के इस एक महीने के दौरान पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या बेहिसाब बढ़ेगी? क्या पाकिस्तान एशिया में बन जाएगा कोरोना का एपि सेंटर? डॉक्टरों की चेतावनी बताती है कि इमरान ने मस्जिदें खुली रखने की बड़ी भूल की है और इसका भयानक असर बहुत जल्द दिखेगा.

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