इस गांव की सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है.
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पश्चिमी मिदनापुर: पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में एक ऐसा गांव है, जहां शादी के लिए रिश्ते तो आते हैं लेकिन कोई शादी करने को राजी नहीं हो रहा है. चाहे वो लड़का हो या लड़की. सिर्फ इतना ही नहीं जिनकी शादी हो गई है वे भी अब इस गांव में आना पसंद नहीं करते हैं. ना ही अपने परिजनों से मिलने आते हैं. इसके पीछे की वजह है इस गांव की सड़क. यहां की सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है.
पश्चिमी मिदनापुर के दासपुर के 2 नंबर ब्लॉक के राजनगर ग्राम पंचायत इलाके में ऐसे कई गांव हैं, जिन्हें इस तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. एक तरफ नाडाजोल इलाका तो दूसरी तरफ घाटाल जाने की सड़क जो करीब 3 किलोमीटर लंबी है और काफी समय से बदहाली के नजारे को दर्शा रही है.
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अभी भी पूरी तरह से कच्ची सड़क ही है और बरसात के दौरान इसकी हालत इतनी खराब हो जाती है कि गांववालों को इसपर से गुजरने के लिए दस बार सोचना पड़ता है. वर्तमान में कई हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके लिए इस सड़क को पार करना किसी चुनौती से कम नहीं है और यह उनके लिए चिंता का बड़ा कारण बन चुकी है. इसके चलते जो सबसे बुरी बात है वो यह कि इन गांव में शादी के लिए रिश्ते तो आते हैं लेकिन आखिर में रिश्ता टूट जाता है.
यहां के लोगों का कहना है कि उनका लड़का पढ़ा-लिखा है. नौकरी भी करता है. अच्छा घर है लेकिन सड़क खराब होने के चलते अपनी बेटियों को इस गांव में शादी करवाना उनके बस की बात नहीं और अपनी बेटी की शादी उस गांव के लड़कों के साथ नहीं करवाएंगे. वहीं एक परिवार को बेटी की शादी तो अपने घर में ना करवाकर दूसरी जगह से भी करानी पड़ी. क्योंकि बदहाल सड़क के कारण लड़के के घरवालों ने इस गांव में जाने से ही मना कर दिया. वहीं अगर किसी लड़की की शादी हो भी जाती है तो शादी के बाद लड़की उस गांव की तरफ मुड़कर भी नहीं देख रही है.
सड़क निर्माण को लेकर के गांववालों में भारी गुस्सा है. उनका कहना है कि प्रशासन से इसकी शिकायत करने के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला. हालांकि स्थानीय पंचायत ने यह भी साफ-साफ कह दिया कि सड़क निर्माण को लेकर के बहुत सारा पैसा चाहिए जो फिलहाल उनके पास में नहीं है और अभी इस सड़क का निर्माण नहीं किया जा सकता. प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना के तहत इस सड़क के निर्माण की कोशिश की जा रही है. अब देखना यह है कि कितने दिन, महीने या साल में इस सड़क का निर्माण होता है और ग्रामीणों की चिंता दूर होती है.