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Flipkart Big Billion Sale: भारत में त्योहार लोगों के लिए आनंदमय होते हैं, और साल खत्म होने से पहले के आखिरी कुछ महीने लोगों के लिए खुशी मनाने के कई कारण लेकर आते हैं. इसका एक कारण बैक टू बैक फेस्टिवल ऑनलाइन सेल (Festival Online Sale) भी है. कई ऑनलाइन वेबसाइट्स ऑफर निकालते हैं और प्रोडक्ट्स पर छूट देते हैं. ऐसे में लोग मन मुताबिक खूब खरीदारी करते हैं. सस्ते के चक्कर में कई जरूरी और गैर-जरूरी चीजों को तुरंत खरीदना चाहते हैं. हालांकि, कई बार इन सेल के दौरान कुछ हैरान करने वाली घटनाएं भी घटित हो जाती हैं. फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डे (Flipkart Big Billion Day) में एक शख्स ने लैपटॉप ऑर्डर किया, लेकिन उसके साथ अजीबोगरीब घटना घटित हुई.
फ्लिपकार्ट की सेल में बुरी फंसा शख्स
आईआईएम-अहमदाबाद ग्रैजुएट शख्स के लिए फ्लिपकार्ट के साथ उनके ऑनलाइन बिक्री के अनुभव ने एक कड़वा स्वाद छोड़ दिया है. फ्लिपकार्ट ने घड़ी डिटर्जेंट के पैकेज यशस्वी शर्मा के घर तक पहुंचाए, जबकि उसने अपने पिता के लिए एक लैपटॉप ऑर्डर किया था. खरीदारी बिग बिलियन डेज़ डील (Big Billion Days Deal) के दौरान की गई थी. यशस्वी के सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स कंपनी ने अपनी गलती को सुधारने से इनकार कर दिया है.
पिता के लिए मंगवाया लैपटॉप आ गया साबुन
यशस्वी शर्मा की लिंक्डइन पोस्ट के मुताबिक, फ्लिपकार्ट ने लैपटॉप की जगह घड़ी डिटर्जेंट के पाउच भेजे, लेकिन कस्टमर सपोर्ट ने मदद करने के बजाय कस्टमर पर आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके दावों का समर्थन करने के लिए उनके पास सीसीटीवी फुटेज है. हालांकि, इससे यशस्वी को कोई फायदा नहीं. यशस्वी शर्मा ने दावा किया कि पैकेज रिसीव करते वक्त उनके पिता ने सिर्फ एक गलती की. उनके पिता ने ओपन-बॉक्स डिलीवरी नहीं की. यानी खरीदार को डिलीवरी व्यक्ति के सामने बॉक्स खोलना चाहिए और प्रोडक्ट का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने के बाद ही ओटीपी देना चाहिए.
सीसीटीवी प्रूफ देने को तैयार थे कस्टमर
यशस्वी शर्मा ने दावा किया कि उनके पिता का मानना था कि पार्सल लेने के बाद ओटीपी दिया जाएगा, जैसा कि अधिकांश प्रीपेड डिलीवरी में होता है. लिंक्डइन पोस्ट में, यशस्वी शर्मा लिखते हैं, 'मेरे पास बिना बॉक्स चेक किए डिलीवरी बॉय के आने-जाने का सीसीटीवी प्रूफ है. और बाद में, अनबॉक्सिंग से पता चला कि अंदर कोई लैपटॉप नहीं है.' फ्लिपकार्ट के सबसे वरिष्ठ ग्राहक सेवा कार्यकारी ने कहा कि चूंकि ओटीपी स्वीकार कर लिया गया था, इसलिए कोई धनवापसी संभव नहीं थी, और स्थिति आगे नहीं बढ़ सकती थी.
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