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Ghol Fish: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद में आयोजित एक सम्मेलन में घोल मछली को राज्य मछली घोषित किया. घोल एक महंगी और दुर्लभ मछली है. उन्होंने यह घोषणा ग्लोबल मत्स्य पालन सम्मेलन भारत 2023 के दौरान की. भारत के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि राज्य मछली घोषित करने से मछली के संरक्षण और लोगों में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी.
मार्केट में इसका नाम सी गोल्ड
घोल मछली अपने हाई मार्केट वैल्यू के लिए 'सी गोल्ड' के रूप में भी जानी जाती है. यह समुद्री मछली हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में पाई जाती है. आज के समय में प्रदूषण और ज्यादा मछली पकड़ने की वजह से इसकी आबादी को गहरे समुद्र में धकेल दिया है. यही वजह है कि इसे पकड़ना मुश्किल हो चुका है. घोल मछली का पोषक और औषधीय गुणों के लिए मूल्यवान है. इसकी दवा और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में काफी डिमांड है. इतना ही नहीं, इसका यूज वाइन और बीयर के प्रोडक्शन में भी किया जाता है.
सिर्फ एक मछली की कीमत है इतनी ज्यादा
लगभग मछली के हर हिस्से को यूजफुल माना जाता है. इस मछली का वैज्ञानिक नाम 'प्रोटोनिबे डायैकैंथस' है. बताया जाता है कि इसका यूज सर्जरी में घुलने वाले टांके बनाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, मछली का वायु मूत्राशय को अलग से बेचा जाता है क्योंकि इसका उपयोग दुनिया के कई हिस्सों में शराब को बनाने में भी किया जाता है. मुंबई और गुजरात के कई मछुआरे घोल मछली के शरीर के अंगों को इंटरनेशनल बिजनेसमैन को भारी कीमतों पर बेचते हैं. भूरे और सुनहरे रंग की यह मछली लगभग डेढ़ मीटर की लंबाई तक हो सकती है. मछली जितनी लंबी होगी, उतनी ही महंगी हो जाएगी. अनुमान लगाया जाता है कि एक पूरी घोल मछली 5 लाख रुपये तक में बिक सकती है. यानी इस मछली की कीमत में एक वैगन-आर कार आ जाएगी.