झालावाड़: सालों बाद पेड़ पर से आई हरबोले की आवाज तो चौंक गया हर कोई
हरबोले सूर्य उदय होने से पहले पेड़ पर चढ़कर अपने क्षेत्र की वीर गाथाओं को लोकगीतों के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं. यह पुरानी परंपरा अब लगभग विलुप्त सी हो गई है.
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झालावाड़: जिले के पिड़ावा (Pirawa) में आज सुबह पेड़ पर बैठे एक व्यक्ति की आवाज सुन कर नागरिक चौंक गए. आवाज पेड़ पर बैठे हरबोले की थी, ऐसे में स्थानीय बुजुर्गों की भी खासी भीड़ जमा हो गई.
पिड़ावा कस्बे के माता चौकी के पास घनी आबादी के बीच पेड़ पर बैठे हरबोले ने जब सुबह-सुबह गाना शुरू किया तो पहले तो लोग चौंक गए. फिर सुनने वालों की भीड़ लग गई. हरबोला पेड़ पर कब चढ़ा, यह किसी को नहीं पता.
लोग उसके लोकगीतों को सुनकर जमा हो गए. पेड़ पर बैठे हरबोला ने अपने लोकगीतों से स्थानीय नागरिकों का जमकर मनोरंजन किया. इसके बाद नागरिकों ने उसे इनाम देकर नीचे उतारा और सभी ने अपनी इच्छा से उसे पारितोषिक राशि भी दी.
नहीं उतरते पेड़ से नीचे
दरअसल, हरबोले सूर्य उदय होने से पहले पेड़ पर चढ़कर अपने क्षेत्र की वीर गाथाओं को लोकगीतों के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं. यह पुरानी परंपरा अब लगभग विलुप्त सी हो गई है, ऐसे में पिड़ावा क्षेत्र में हरबोले का पहुंचना किसी आश्चर्य से कम नहीं दिखा. हरबोलों को जब तक उनका मेहनताना और सुनने वालों से प्रशंसा नहीं मिलती, तब तक वो पेड़ से नीचे नहीं उतरते हैं.
हरबोले अक्सर राजा-महाराजाओं की वीरगाथाएं पेड़ पर चढ़कर लोगों को सुनाते हैं और उनका मनोरंजन करते रहे हैं. यह सदियों पुरानी परंपरा रही है.
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