IAS Roshan Jacob Viral VIdeo:आईएएस अफसर रोशन जैकब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में डिविजनल कमीश्नर (लखनऊ) जैकब अस्पताल में एक गरीब और असहाय मां के बेटे की पीड़ा देखकर रो पड़ती हैं. दरअसल लखीमपुर खीरी जिले के ईसानगर क्षेत्र में बुधवार सुबह एक ट्रक और निजी बस के बीच भीषण टक्कर में कम से कम दस लोगों की मौत हो गई तथा 41 अन्य घायल हो गए थे. जैकब हादसे में घायल यात्रियों से मिलने अस्पताल पहुंची थीं.


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रोशन जैकब की नजर एक बेड पर पड़ती है जिस पर एक बच्चा दर्द से कराह रहा है. बच्चे की मां बेड के पास असहाय खड़ी रो रही थी. बताया जा रहा है बच्चे की मां ने जैकब से शिकायत की कि उनके बेटे को सरकारी अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिल रहा है. जैकब उसके साथ वार्ड में गईं जहां उन्होंने देखा कि एक 10 साल का बच्चा बिस्तर पर पड़ा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सदर कोतवाली क्षेत्र के बाजपेई गांव में कच्ची दीवार गिरने से यह बच्चा घायल हो गया था.


 


 

 

 

 



 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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वायरल वीडियो में घटना में गंभीर रूप से घायल बच्चे की स्थिति पर अस्पताल के अधिकारियों से जैकब को यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि अभी तक किसी ने मरीज की जांच क्यों नहीं की. एक व्यक्ति द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद कि उसने अभी-अभी रोगी की जांच की है, आईएएस अधिकारी पूछती है कि क्या बच्चे को फ्रैक्चर हुआ है क्योंकि वह हिल नहीं सकता है.


जैकब को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, "ये हिल नहीं पा रहा है... कुछ फ्रैक्चर होगा यहां पे."  आगे वह वीडियो में कहती है, ‘नहीं इसको रेफर नहीं कर सकते गरीब आदमी है, कहां जाएगा.’ वह यह भी पूछती है कि क्या यह संभव है कि डॉक्टर को यहां बुला लिया जाए.


इसके बाद जैकब वहां मौजूद स्टाफ को निर्देश देती हैं, ‘एक आदमी जिम्मेदारी से साथ में जाएगा, बच्चे को चेक करवाएगा और जहां इसको इलाज की जरुरत होगी वहां इसको भर्ती करवाएंगे. यह हमारी जिम्मेदारी है. ’ वह रेड क्रॉस से संपर्क कर बच्चे के इलाज में वित्तीय सहायत दिलाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश देती है. जैकब यह भी कहती हैं कि कोई एक आदमी इस सारे काम की जिम्मेदारी लेगा.


यह वीडियो बुधवार को वायरल हो गया. सोशल मीडिया यूजर्स ने जैकब को "सच्चा सरकारी अधिकारी" कहा.  एक यूजर ने लिखा, "हमें जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए ऐसे और अधिक संवेदनशील प्रशासकों और अधिकारियों की जरूरत है." एक अन्य यूजर ने लिखा.


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